Bumber Thakur फायरिंग केस: पिस्टल निकालते तो होती देर, पूर्व विधायक की जान बचाई

Bumber Thakur Firing Case: पिस्टल निकालता तो देर हो जाती, आगे खड़े होकर बचाई पूर्व विधायक की जान
हिंदी टीवी न्यूज़, बिलासपुर Published by: Megha Jain Updated Wed, 16 Apr 2025
पुलिस जवान संजीव कुमार ने पूर्व विधायक बंबर ठाकुर की जान को शूटरों से बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल दी थी। संजीव कुमार ने विशेष बातचीत करते हुए कहा कि जब शूटरों ने गोलियां चलानी शुरू कीं तो मैं पूरी तरह से सन्न रह गया।
हिमाचल प्रदेश में वीरता और निष्ठा की अनगिनत मिसालें हैं, लेकिन जो साहस और कर्तव्यनिष्ठा पुलिस जवान संजीव कुमार ने दिखाई, वह शायद ही कभी कोई भूल सके। यह वही पुलिस जवान हैं, जिन्होंने पूर्व विधायक बंबर ठाकुर की जान को शूटरों से बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल दी थी। उनकी इस बहादुरी के लिए उन्हें हिमाचल दिवस पर सम्मानित किया गया। यह घटना होली के दिन की है। पूर्व विधायक बंबर ठाकुर अपनी धर्मपत्नी के साथ सरकारी आवास में थे, जहां उस दिन कई लोग इकट्ठा हुए थे। अचानक, चार शूटर हत्या के इरादे से वहां पहुंच गए और उन्होंने बंबर ठाकुर पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं।
इस हमले के दौरान संजीव कुमार ने बिना एक पल गंवाए अपनी जान की परवाह किए बिना बंबर ठाकुर को बचाने की कोशिश की। संजीव कुमार ने विशेष बातचीत करते हुए कहा कि जब शूटरों ने गोलियां चलानी शुरू कीं तो मैं पूरी तरह से सन्न रह गया। उस वक्त कोई दूसरा विचार दिमाग में नहीं आया, सिर्फ इतना ख्याल आया कि साहब (बंबर ठाकुर) को बचाना है। अगर उस समय पिस्टल निकालता तो देर हो जाती। मैंने खुद को उनकी ढाल बना लिया और उन्हें सुरक्षित करने के बाद मैंने पिस्टल निकाली और शूटरों पर फायरिंग शुरू कर दी। इस जवाबी फायरिंग से हमलावर डर गए और वहां से भाग खड़े हुए, लेकिन इस दौरान संजीव खुद भी घायल हो गए। गोलियां उनकी पीठ और एड़ी में लगीं।