Delhi Assembly: 18 घंटे 18 मिनट चली कार्यवाही, कैग रिपोर्ट पर स्पीकर का बड़ा बयान

Delhi Assembly Session: 18 घंटे 18 मिनट ही चली विधानसभा की कार्यवाही, कैग रिपोर्ट पर स्पीकर का बड़ा बयान
हिंदी टीवी न्यूज़, नई दिल्ली Published by: Megha Jain Updated Tue, 04 Mar 2025
विधानसभा में कैग की रिपोर्ट पर चर्चा के बाद विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में तत्कालीन आप सरकार के दौरान स्वास्थ्य विभाग में कई गंभीर चूक और अनियमितताएं उजागर हुई हैं।
दिल्ली विधानसभा के विस्तार सत्र में इस बार 18 घंटे 18 मिनट ही कार्यवाही चली है। बीती 24 फरवरी को दिल्ली विधानसभा का सत्र शुरू हुआ था। दिल्ली विधानसभा में पांच दिन में 126 सदस्यों ने सदन में अपने विचार रखा। सभी को बोलने का मौका दिया गया। कैग की रिपोर्ट सदन में पहले आनी चाहिए थी लेकिन वो अब पेश हुई।
विधानसभा अध्यक्ष बोले- दोषियों की मिलेगी सजा
विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि कैग रिपोर्ट आना ही काफी नहीं है। सदन के कंधों पर अंजाम तक पहुंचना है। एक मिनट भी खराब किए अंजाम तक पहुंचाएंगे। संबंधित विभाग को भेजा गया है। रिपोर्ट एक महीने में आएगा। दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।
हम मोदी की गारंटी की इंतजार कर रहे: नेता प्रतिपक्ष आतिशी
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने कहा कि हम प्रदर्शन नहीं, इंतजार कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि आठ मार्च को 2500 रुपये की पहली किश्त आएगी। उन्होंने कहा था कि यह मोदी की गारंटी है। हम इंतजार कर रहे हैं कि चार दिन के अंदर महिलाओं को पहली किश्त मिले।
विधानसभा में कैग रिपोर्ट पर हंगामा
विधानसभा में सोमवार को स्वास्थ्य विभाग से संबंधित कैग रिपोर्ट पर आरोप-प्रत्यारोप व हंगामे के बीच तीखी बहस हुई। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने रिपोर्ट में उठाए गए मुद्दों का हवाला देते हुए पूर्व सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। हालांकि, उनके संबोधन के दौरान आप के विधायकों ने सदन का बहिष्कार किया। नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने भाजपा शासित राज्यों में कैग रिपोर्ट पर चर्चा न कराए जाने का मुद्दा उठाया। वहीं, विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने रिपोर्ट पर तीन माह के भीतर कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
भाजपा के एक दर्जन से अधिक विधायकों ने आरोप लगाया कि दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग में गंभीर वित्तीय अनियमितताएं और भ्रष्टाचार हुए हैं। उन्होंने तत्कालीन आप सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि रिपोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि जनता के पैसों का दुरुपयोग हुआ और स्वास्थ्य सेवाओं में घोटाले हुए। भाजपा ने कहा कि विभाग के कार्यों में पारदर्शिता का घोर अभाव था और स्वास्थ्य सुविधाओं के वितरण में अनियमितताएं पाई गईं।
इस दौरान आप के विधायकों ने इन आरोपों का विरोध करते हुए कहा कि भाजपा इन मुद्दों को राजनीतिक रूप से इस्तेमाल करने की कोशिश कर रही है। आप विधायक अनिल झा ने भाजपा विधायकों के बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ये रामलीला कर रहे हैं। विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें चेतावनी दी, लेकिन कुछ देर बाद हंगामा बढ़ने पर उन्हें मार्शल आउट कर दिया। इसके बाद आप विधायक कुलदीप कुमार को भी हंगामा करने पर मार्शल आउट किया गया।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. पंकज सिंह ने चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि कोरोना काल में फंड का समुचित उपयोग नहीं किया गया और दिल्लीवासियों को छोड़ दिया गया। कैग रिपोर्ट के अनुसार, 2016-22 के दौरान राजीव गांधी, एलएनजेपी, जनकपुरी स्पेशलिटी हॉस्पिटल और चाचा नेहरू अस्पताल के लिए आवंटित फंड का इस्तेमाल नहीं किया गया। इन अस्पतालों की हालत बद से बदतर हो गई है। उन्होंने यह भी कहा कि 2016-17 में 10,000 बेड देने का वादा किया गया था, लेकिन केवल 1367 बेड ही लगाए गए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पिछली सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों के साथ मिलीभगत की और उस पर कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे बड़े पैमाने पर वित्तीय घाटा हुआ।
रेखा गुप्ता ने विपक्ष के हंगामे पर कसा तंज
विधानसभा में सीएजी रिपोर्ट पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि केवल दो रिपोर्ट सदन के पटल पर आई हैं और जैसे-जैसे और रिपोर्ट सामने आएंगी, आम आदमी पार्टी के काले चिट्ठे खुलेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि आप नेताओं को इन रिपोर्टों के सामने आने से डर है और वे परेशान हैं।
मुख्यमंत्री ने आप विधायकों पर हमला बोलते हुए कहा कि कोविड-19 के दौरान लाखों लोगों ने जो तकलीफें सहीं, उनके परिवारों के साथ जो घटनाएं घटीं, वह सोच कर दिल दहल जाता है। आज जब इस मुद्दे पर सदन में चर्चा हो रही है तो आप के विधायक हंस रहे थे। रेखा गुप्ता ने यह भी कहा कि पिछले दस सालों में स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर सिर्फ भ्रष्टाचार हुआ है। रेखा गुप्ता ने यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार का पूरा स्वास्थ्य विभाग और उसके अस्पताल खुद बीमार हैं। इन अस्पतालों को पहले इलाज की जरूरत है।
आतिशी को दी चेतावनी
इस मौके पर रेखा गुप्ता ने नेता प्रतिपक्ष आतिशी को लेकर भी बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि उनको आतिशी की चिंता होती है, कहीं अरविंद केजरीवाल ने उन्हें फंसा कर किसी मुश्किल में न डाल दिया हो। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि केजरीवाल का इतना अधिक पक्ष आतिशी न लें, कहीं स्वाति मालीवाल के साथ जो घटना घटी, वही आतिशी के साथ न घट जाए। उनको मुझे इस बात की चिंता है।
विधानसभा अध्यक्ष ने कैग रिपोर्ट पर उठाए गंभीर सवाल
विधानसभा में कैग की रिपोर्ट पर चर्चा के बाद विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में तत्कालीन आप सरकार के दौरान स्वास्थ्य विभाग में कई गंभीर चूक और अनियमितताएं उजागर हुई हैं। उन्होंने बताया कि सीएजी रिपोर्ट में 2016-17 से 2021-22 तक के समय में हुई कमियों का विवरण दिया गया है, जिनमें स्वास्थ्य कर्मियों की भारी कमी, आवश्यक दवाओं और उपकरणों की अनुपलब्धता, खराब एंबुलेंस सेवाएँ और वित्तीय कुप्रबंधन जैसे मुद्दे शामिल हैं।
विशेष रूप से 2018-19 के दौरान स्वास्थ्य अवसंरचना के लिए आवंटित बजट का 78.41 प्रतिशत हिस्सा अनुपयोगी रहने की बात सामने आई है। इसके अलावा, सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी भी रिपोर्ट में उल्लेखित की गई है। विधानसभा अध्यक्ष ने इस रिपोर्ट को लोक लेखा समिति को भेजने का निर्णय लिया और तीन माह के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने की बात कही। साथ ही, स्वास्थ्य विभाग को एक माह के भीतर अपनी अनुपालना कार्रवाई रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।