Drought in Himachal: हिमाचल में सूखे की मार, बिजली उत्पादन में हो रही कमी; थमी टरबाइन की गति
सूखे से नदी नालों में पानी की आवक कम होने से ऊर्जा राज्य हिमाचल के पनविद्युत प्रोजेक्टों में टरबाइन की गति थमने से बिजली कटौती शुरु हो गई है। इससे घरेलू व औद्योगिक उपभोक्ताओं की मुश्किल बढ़ना शुरु हो गई है। राज्य भार प्रेषण केंद्र (एसएलडीसी) के पास 2.66 लाख यूनिट बिजली की कमी बनी हुई है। आने वाले दिनों में हालात और विकट हो सकते हैं।
HIGHLIGHTS
- प्रदेश भर में आधे आधे घंटे की कटौती स्थिति नियंत्रित करने का प्रयास
- 361.8 लाख यूनिट तक पहुंची औद्योगिक व घरेलू बिजली की मांग
- 252.75 लाख यूनिट बिजली बैंकिंग से लेकर चलाया जा रहा काम Himachal News: सूखे से नदी नालों में पानी की आवक कम होने से ऊर्जा राज्य हिमाचल के पनविद्युत प्रोजेक्टों में टरबाइन की गति थमने से बिजली कटौती शुरु हो गई है। इससे घरेलू व औद्योगिक उपभोक्ताओं की मुश्किल बढ़ना शुरु हो गई है।
2.66 लाख यूनिट बिजली की कमी
राज्य भार प्रेषण केंद्र (एसएलडीसी) के पास 2.66 लाख यूनिट बिजली की कमी बनी हुई है। इससे विद्युत केंद्र लड़खड़ाने लगे हैं। ओवरलोडिंग की स्थिति बन चुकी है। इससे निपटने के लिए एसएलडीसी प्रदेश भर में आधे आधे घंटे की बिजली कटौती कर स्थिति नियंत्रित करने का प्रयास कर रहा है।
361.8 लाख यूनिट तक पहुंच गई घरेलू बिजली की मांग
सूखे की स्थिति ऐसी ही बनी रही तो आने वाले दिनों में हालात और विकट हो सकते हैं। प्रदेश में औद्योगिक व घरेलू बिजली की मांग 361.8 लाख यूनिट तक पहुंच गई है। 252.75 लाख यूनिट बिजली बैंकिंग से लेकर एसएलडीसी उपभोक्ताओं की मांग पूरी कर रहा है।
125.38 लाख यूनिट बिजली का हो रहा उत्पादन
राज्य विद्युत परिषद व केंद्रीय प्रोजेक्टों के शेयर को मिला 125.38 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा है। एसएलडीसी के पास बैंकिंग व राज्य विद्युत परिषद के प्रोजेक्टों के उत्पादन को मिला कुल 378.13 लाख यूनिट बिजली उपलब्ध है।
घरेलू बिजली की मांग बढ़ी
राज्य सरकार अपने हिस्से की 14.65 लाख यूनिट व बिजली बोर्ड 2.13 लाख यूनिट बिजली बेच रहा है। ठिठुरन बढ़ने से घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली की मांग भी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। घरेलू बिजली की मांग 154.77 लाख यूनिट का आंकड़ा पार कर चुकी है।
चार महीने से हिमाचल में सूखा
सर्दी से बचने के लिए लोग बिजली उपकरणों का अधिक प्रयोग कर रहे हैं। पिछले चार माह से प्रदेश में सूखे जैसे हालात बने हुए हैं। इससे नदी नालों में पानी की आवक काफी हद तक कम हो गई है। करीब छह माह से 126 मेगावाट क्षमता केे लारजी पनविद्युत प्रोजेक्ट में बिजली उत्पादन बंद होने से एसएलडीसी की दिक्कत और बढ़ी है।