Farmers Protest: सरकार का प्रस्ताव ठुकराने के बाद किसानों ने बताया आगे का प्लान; क्या बातचीत से निकल पाएगा हल?
अनुबंध की शर्त पर एमएसपी गारंटी का प्रस्ताव किसानों ने खारिज कर दिया है। अब किसान 21 फरवरी यानि कल 11 बजे दिल्ली कूच करेंगे। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि सरकार करार नहीं, एमएसपी की पूरी कानूनी गारंटी दे।अपनी मांगों को लेकर पंजाब के किसान बॉर्डर पर डटे हुए हैं। पंजाब के किसानों को हरियाणा समेत अन्य राज्यों के किसानों का समर्थन मिलने लगा है। बॉर्डर पर किसानों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है। इस बीच, सोमवार को किसान संगठनों की हुई बैठक में केंद्र सरकार की ओर से मसूर, उड़द, अरहर (तूर), मक्की और कपास की फसल पर अनुबंध की शर्त पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी का प्रस्ताव किसानों ने नामंजूर कर दिया है।
किसानों ने अनब 21 फरवरी यानि कल सुबह 11 बजे दिल्ली कूच करने का एलान किया है। साथ ही कहा कि सरकार के साथ वार्ता जारी रखेंगे। किसानों के दिल्ली कूच के एलान के बाद बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। बॉर्डर पर इंटरनेट पर पाबंदी अभी जारी है। किसानों सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
ये बोले- किसान नेता
संयुक्त किसान मोर्चा के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने सोमवार शंभू बॉर्डर पर पत्रकार वार्ता में स्पष्ट तौर पर कहा कि केंद्र सरकार करार नहीं, एमएसपी की पूरी कानूनी गारंटी दे। इससे कम हमें कुछ भी मंजूर नहीं है।
डल्लेवाल ने कहा कि एमएसपी की कानूनी गारंटी के बदले केंद्रीय मंत्रियों की ओर से जो प्रस्ताव सामने आया है, वह हमारी मांगों की सहमति के मापदंडों पर बहुत दूर है। दरअसल, मंत्रियों ने किसान संगठनों को एमएसपी की नहीं, बल्कि खरीद के कॉन्ट्रैक्ट की गारंटी दी है। यानी करार के तहत सरकार की नोडल एजेंसियों के माध्यम से पांच साल के लिए फसलों की खरीद सुनिनिश्चत की जा रही है। पांच साल के बाद सरकार का अगला कदम क्या होगा, इस पर कोई प्लान नहीं है।