Haridwar: हरिद्वार में बनने जा रहा है अनोखा मॉल

Haridwar: हरिद्वार में बनने जा रहा है अनोखा मॉल, पर्यटकों को नजर आएगा मिनी भारत; 164 करोड़ की लगेगी लागत
Haridwar दरअसल हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण जल्द ही 164 करोड़ की लागत से हरिद्वार-दिल्ली हाईवे पर ज्वालापुर में एकता मॉल का निर्माण करने जा रहा है। एकता में अनेकता को समेटने वाले इस माल में देश के सभी राज्यों की एक-एक दुकान रहेगी। माल के लिए रानीपुर झाल के समीप जगह भी चिह्नित कर ली गई। डीपीआर से लेकर डिजाइन तक फाइनल हो चुका है।
हरिद्वार। तीर्थाटन और पर्यटन के लिए देवभूमि आने वाले पर्यटक और श्रद्धालु अपने घर लौटने के दौरान उत्तराखंड ही नहीं, देश के किसी भी राज्य का मशहूर हस्तशिल्प सामान और कपड़े की खरीदारी हरिद्वार में कर सकेंगे। एक छत के नीचे हर राज्य की पहचान के रूप में उन्हें प्रमुख सामान उपलब्ध हो सकेगा।
दरअसल, हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण जल्द ही 164 करोड़ की लागत से हरिद्वार-दिल्ली हाईवे पर ज्वालापुर में एकता मॉल का निर्माण करने जा रहा है। एकता में अनेकता को समेटने वाले इस मॉल में देश के सभी राज्यों की एक-एक दुकान रहेगी। मॉल के लिए रानीपुर झाल के समीप जगह भी चिह्नित कर ली गई। डीपीआर से लेकर डिजाइन तक फाइनल हो चुका है। कैबिनेट की मुहर लगते ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
मिलेगा ये नायाब तोहफा
पर्यटकों और श्रद्धालुओं के साथ-साथ हरिद्वार वासियों के लिए भी यह मॉल एचआरडीए की तरफ से एक नायाब तोहफा होगा। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अंशुल सिंह ने बताया कि निर्माण में 136 करोड़ रुपये केंद्र सरकार और बाकी के 28 करोड़ रुपये राज्य सरकार खर्च करेगी। एक से डेढ़ साल में इसका काम पूरा हो जाएगा।
दिखेगी पहाड़ी संस्कृति
बताया कि मॉल में भारत के विभिन्न हिस्सों से पारंपरिक वस्त्र और हस्तशिल्प एक स्थान पर मिलेंगे। एकता मॉल का गठन भारत के पारंपरिक वस्त्रों और कारीगर हस्तशिल्प की जीवंतता और विविधता में निहित एक आकर्षक, आरामदायक खरीदारी अनुभव के लिए किया गया है। इससे उत्तराखंड के पारंपरिक उत्पादों को भी नई पहचान मिलेगी।
मनोरंजन की भी व्यवस्था
मॉल में विभिन्न राज्यों की संस्कृति तो देखने को मिलेगी ही, साथ ही मनोरंजन का भी पूरा ख्याल रखा गया है। बहुमंजिला मॉल में ओपन सिनेमा हाल भी बनाया जाएगा। जिसमें किसी भी तल से लघु नाटिका या फिल्म देखी जा सकेगी। प्राधिकरण उपाध्यक्ष अंशुल सिंह ने बताया कि मॉल में दो ऑडिटोरियम भी बनाए जाएंगे। जिसमें विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा सकेंगे।
ऐसे मिली एचआरडीए को जिम्मेदारी
देश के हर राज्य में एक-एक एकता मॉल खोला जाना है। उत्तराखंड के लिए पहले देहरादून में जगह की तलाश हुई। जगह न मिलने पर प्रोजेक्ट के लिए उधमसिंह नगर को चुना गया, लेकिन दूसरे राज्यों से आने वाले पर्यटकों व श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए उधमसिंह नगर के बजाय हरिद्वार का चयन किया गया। इसलिए एकता मॉल के निर्माण की जिम्मेदारी एचआरडीए को सौंपी गई। एचआरडीए उपाध्यक्ष अंशुल सिंह ने बताया कि एकता मॉल बाहर से आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं को उनकी यात्रा का और बेहतर अनुभव कराएगा।