Haryana: एआई से तैयार होगा बिना अंग निकाले बिना कैंसर का इलाज
Haryana: एआई से तैयार होगा बिना अंग निकाले बिना कैंसर का इलाज, वैज्ञानिक बाढ़सा कैंपस में करेंगे शोध
कैंसर की पड़ताल करने के लिए यह शोध इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी (आईआईटी), दिल्ली के बाढ़सा में 50 एकड़ में बन रहे नए कैंपस में होगा। यहां राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के मरीजों पर फोकस करते हुए रिसर्च और डिजाइन फैसिलिटी आदि विकसित करने में लगभग 3 वर्ष का समय लगेगा।
अंग को शरीर से निकाले बिना कैंसर के उद्गम वाले ऊतक का पता लगाने की तकनीक विकसित करने के लिए आईआईटी दिल्ली के वैज्ञानिक शोध शुरू कर रहे हैं। यह काम झज्जर जिले के बाढ़सा स्थित कैंपस में होगा और इसके लिए मेडिकल इंजीनियरिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक की मदद ली जाएगी। शोध करीब तीन साल में पूरा होगा जो कैंसर की पहचान और इलाज में क्रांतिकारी कदम होगा।
कैंसर की पड़ताल करने के लिए यह शोध इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी (आईआईटी), दिल्ली के बाढ़सा में 50 एकड़ में बन रहे नए कैंपस में होगा। यहां राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के मरीजों पर फोकस करते हुए रिसर्च और डिजाइन फैसिलिटी आदि विकसित करने में लगभग 3 वर्ष का समय लगेगा। बाढ़सा में ही एम्स है, जहां कैंसर मरीजों का इलाज और शोध किया जाता है। यहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से ऐसी तकनीक और फैसिलिटी विकसित की जाएगी जो प्रभावित अंग को पूरा निकालने की जगह मुख्य कैंसर टिश्यू (ऊतक) के केंद्र से ही इसकी पहचान कर लेगा। नए शोध में कैंसर टिश्यू के उद्गम स्थान का पता लगाकर उसका वहीं उपचार किया जा सकेगा।
बाद में आईआईटी के इस कैंपस में डेंटल इंप्लांट्स, बुजुर्गों में हिप प्रोटेक्शन डिवाइस लगाने, कृत्रिम घुटने के ज्वाइंट संबंधी शोध भी शामिल होंगे। कैंपस के निर्माण, एकेडमिक प्रोग्राम तथा राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के मरीजों पर फोकस करते हुए रिसर्च और डिजाइन फैसिलिटी आदि विकसित की जा रही है। हरियाणा सरकार की पहल पर आगे आया आईआईटी आईआईटी दिल्ली के प्रवक्ता अजय द्विवेद्वी ने बताया कि कुछ समय पहले हरियाणा सरकार और आईआईटी दिल्ली के अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी। इसमें गांव बाढ़सा में आईआईटी दिल्ली के एक्सटेंशन सेंटर की स्थापना को मंजूरी दी गई थी। हरियाणा सरकार ने पहल करते हुए आईआईटी दिल्ली की टीम को आश्वस्त किया है कि इस शोध को करने में हरियाणा सरकार उन्हें पूरा सहयोग देगी।