Highcourt: बिना तलाक लिए दूसरा विवाह करने और आमदनी छुपाने का किया प्रयास
Highcourt: बिना तलाक लिए दूसरा विवाह करने और आमदनी छुपाने का किया प्रयास, पति पर एक लाख का जुर्माना
हाईकोर्ट ने कहा कि याची का इस मामले में शुरू से दुर्भावनापूर्ण इरादा रहा और उसका आचरण भी ठीक नहीं था। याची ने 2017 में हुए समझौते का पालन करने की अदालत में दलीलें दीं, लेकिन इसका पालन नहीं किया। याचिकाकर्ता ने कानून से बचने के लिए टाल-मटोल की रणनीति अपनाई और अदालत में पत्नी को झूठे आश्वासन देता रहा।
बिना तलाक लिए दूसरा विवाह करने और पहली पत्नी को गुजारा भत्ता से वंचित करने के लिए दस्तावेजों से छेड़छाड़ करना लुधियाना के प्रॉपर्टी डीलर को भारी पड़ गया। धोखाधड़ी व जालसाजी के मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने उसकी नियमित जमानत याचिका को खारिज करते हुए 1 लाख रुपये जुर्माना लगाया है।
याचिका दाखिल करते हुए प्रॉपर्टी डीलर ने हाईकोर्ट को बताया कि उसका उसकी पत्नी के साथ वैवाहिक विवाद चल रहा था। इसी विवाद को आपराधिक रंग देकर उसके खिलाफ लुधियाना में 2016 में एफआईआर दर्ज करवाई गई थी। इस मामले में उसको फंसाया जा रहा है और ऐसे में उसे जमानत दी जाए। हाईकोर्ट ने साढ़े तीन साल पहले उसे अंतरिम जमानत दे दी थी।
सभी पक्षों को सुनने के बाद अब उसकी नियमित जमानत याचिका पर अंतिम फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि याची का इस मामले में शुरू से दुर्भावनापूर्ण इरादा रहा और उसका आचरण भी ठीक नहीं था। याची ने 2017 में हुए समझौते का पालन करने की अदालत में दलीलें दीं, लेकिन इसका पालन नहीं किया। याचिकाकर्ता ने कानून से बचने के लिए टाल-मटोल की रणनीति अपनाई और अदालत में पत्नी को झूठे आश्वासन देता रहा। दुर्भाग्य से वह कुछ हद तक सफल रहा और अदालत से उसे अंतरिम जमानत का लाभ करीब साढ़े तीन साल तक जारी रहा।
याचिकाकर्ता और शिकायतकर्ता के बीच वैवाहिक कलह है, लेकिन पहली शादी के अस्तित्व के दौरान दूसरी शादी करना और उसे भरण-पोषण के कानूनी अधिकार से वंचित करने के लिए आयकर रिटर्न में जालसाजी के कारण, यह अदालत याचिकाकर्ता को नियमित जमानत की राहत का हकदार नहीं मानती है। हाईकोर्ट ने याची की नियमित जमानत याचिका को खारिज करते हुए याची को गिरफ्तार करने और कानूनी कार्रवाई के लिए अदालत के समक्ष पेश करने का आदेश दिया है। साथ ही याची पर एक लाख रुपये जुर्माना लगाते हुए यह राशि पहली पत्नी को सौंपने का आदेश दिया है।