Highcourt: 15 सप्ताह के गर्भ को गिराने के निर्देश
Highcourt: 15 सप्ताह के गर्भ को गिराने के निर्देश, HC ने कहा-बच्चा पैदा हुआ तो महिला को पीड़ा की याद दिलाएगा
जज ने फैसला सुनाते हुए कहा कि महिला पहले ही बच्चे को पालने में अनिच्छा व्यक्त कर चुकी है। ऐसे में अगर बच्चा पैदा होता भी है तो उसका भला नहीं हो सकता। वह बिना किसी गलती के ही दुर्व्यवहार का शिकार होगा।
पति द्वारा जबरन संबंध बनाने से गर्भवती हुई महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने उसे 15 महीने का गर्भ गिराने की अनुमति दे दी। जस्टिस विनोद एस भारद्वाज ने फैसला सुनाते हुए कहा कि यदि बच्चा पैदा होता है तो वह महिला को उस आघात और पीड़ा की याद दिलाएगा, जिससे उसे गुजरना पड़ा।
पीड़िता ने याचिका में कहा है कि उसके साथ जबरन शादी की गई और फिर उसकी बिना इच्छा के संबंध बनाए गए, जिससे वह गर्भवती हुई। वह पति के साथ भी नहीं रहना चाहती। उसने अमृतसर के पारिवारिक न्यायालय में तलाक का केस भी डाला हुआ है जो लंबित है।
जज ने फैसला सुनाते हुए कहा कि महिला पहले ही बच्चे को पालने में अनिच्छा व्यक्त कर चुकी है। ऐसे में अगर बच्चा पैदा होता भी है तो उसका भला नहीं हो सकता। वह बिना किसी गलती के ही दुर्व्यवहार का शिकार होगा। इससे बेहतर है गर्भ को समाप्त कर दिया जाए। साथ ही सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि दुष्कर्म शब्द का सामान्य अर्थ किसी व्यक्ति के साथ उसकी सहमति के बिना या उसकी इच्छा के विरुद्ध यौन संबंध बनाना है, भले ही ऐसा विवाह के बाद किया गया हो। हाईकोर्ट ने एक महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया, जिसने गर्भ गिराने की अनुमति मांगी थी।