Himachal में खुला नौकरियों का पिटारा
Himachal में खुला नौकरियों का पिटारा, इस साल होंगी छह हजार शिक्षकों की भर्तियां; CM सुक्खू ने किया एलान
Himachal Pradesh सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए प्रदेश शिक्षा विभाग में इसी वर्ष नवंबर तक 6000 अध्यापकों की भर्ती की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा घर से शुरू होती है और माता-पिता ही हमारे प्रथम गुरू होते हैं जो हमें हर तरह से शिक्षित और प्रशिक्षित करने के साथ ही अच्छे संस्कार भी प्रदान करते हैं।
शिमला। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए प्रदेश शिक्षा विभाग में इसी वर्ष नवंबर तक 6000 अध्यापकों की भर्ती की जाएगी। जिससे शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा सके। ये बात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा घर से शुरू होती है और माता-पिता ही हमारे प्रथम गुरू होते हैं जो हमें हर तरह से शिक्षित और प्रशिक्षित करने के साथ ही अच्छे संस्कार भी प्रदान करते हैं। राज्य के सभी विधानसभा क्षेत्रों में चरणबद्ध ढंग से राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल खोले जा रहे हैं, ताकि ग्रामीण स्तर पर बच्चे भविष्य की चुनौतियों का सामना आत्मविश्वास से कर सकें।
आपदा से प्रभावित हुए लोगों को भी मिलेग मदद
भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस), डाटा साईंस, रोबोटिक इंजीनियरिंग जैसे नए पाठ्यक्रम शुरू किए हैं, ताकि बच्चों को रोजगार के बेहतर अवसर मिल सकें। उन्होंने कहा कि आपदा के कारण आज लगभग 3000 परिवार राहत शिविरों में रहने को मजबूर हुए और प्रदेश सरकार इन परिवारों को बसाने की जिम्मेवारी का बखूबी निर्वहन करेगी।
2 से 15 हजार करोड़ का नुकसान का लगाया गया हिसाब
बरसात के दौरान इस आपदा के कारण अभी तक लगभग 12 से 15 हजार करोड़ रुपये का नुकसान आंका गया है, जिसका एक कारण जलवायु परिवर्तन भी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करेगी, क्योंकि राज्य में बहुत भारी नुकसान हुआ है।