Himachal: सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को मिलेगा डेढ़ लाख तक कैशलेस इलाज
Himachal: सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को मिलेगा डेढ़ लाख तक कैशलेस इलाज, मंत्रालय ने तैयार की योजना
हिंदी टीवी न्यूज़, हमीरपुर Published by: Megha Jain Updated Thu, 09 Jan 2025
योजना के तहत सड़क दुर्घटना के पीड़ितों को डेढ़ लाख रुपये तक का कैशलेस उपचार दिया जाएगा। दुर्घटना की तारीख से अधिकतम सात दिनों तक व्यक्ति कैशलेस इलाज का हकदार होगा।
सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतों को कम करने के लिए केंद्र सरकार प्रयास कर रही है। इसी दिशा में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से योजना तैयार की गई है। योजना के तहत सड़क दुर्घटना के पीड़ितों को डेढ़ लाख रुपये तक का कैशलेस उपचार दिया जाएगा। दुर्घटना की तारीख से अधिकतम सात दिनों तक व्यक्ति कैशलेस इलाज का हकदार होगा। वर्तमान में यूटी चंडीगढ़ और पुंडुचेरी में इस योजना को लागू किया गया है। अब पायलट कार्यक्रम के तहत इसे हिमाचल और मध्य प्रदेश में लागू करने की योजना है। इस कार्यक्रम का क्रियान्वयन राष्ट्रीय स्वास्थ्य अथॉरिटी की ओर से स्थानीय पुलिस, राज्य स्वास्थ्य एजेंसी, पैनलबद्ध अस्पतालों के समन्वय से किया जाएगा। इस संबंध में नेशनल हेल्थ एजेंसी (एनएचए) और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से आवश्यक प्रशिक्षण कार्य किए जाएंगे। स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक की ओर से समस्त प्रदेश के समस्त सीएमओ और एमएस को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
बॉक्स दुर्घटना के बाद का समय गोल्डन ऑवर
सड़क हादसों के दौरान पीडि़तों को जल्द इलाज मिलना बेहद जरूरी होता है। दुर्घटना के बाद का समय गोल्डन ऑवर कहलाता है। लेकिन इस दौरान इलाज ना मिल पाने के कारण कई मरीजों की मौत हो जाती है। इसे ही कम करने के लिए कैशलेस उपचार प्रदान करने के लिए एक पायलट कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। भारत सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक सड़क दुर्घटना से संबंधित मौतों और चोटों को आधा किया जाए। समय पर चिकित्सा उपचार प्रदान करना, विशेष रूप से गोल्डन अवधि के दौरान कीमती जीवन को बचाया जा सकेगा।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से योजना तैयार की गई है। सड़क दुर्घटना के पीडि़तों को डेढ़ लाख रुपये तक का कैशलेस उपचार दिया जाएगा। कार्यक्रम का क्रियान्वयन राष्ट्रीय स्वास्थ्य अथॉरिटी की ओर से किया जाएगा। स्थानीय पुलिस, राज्य स्वास्थ्य एजेंसी, पैनलबद्ध अस्पतालों के समन्वय से योजना को धरातल पर उतारा जाएगा। विस्तृत गाइडलाइन का इंतजार किया जा रहा है। प्रवीण चौधरी, सीएमओ हमीरपुर।