Himachal: 30-35 साल का इंतजार नहीं, जल्द दिया जाए प्रमोशन… हिमाचल के लैब तकनीशियन संघ ने की मांग
Himachal स्वास्थ्य विभाग लैब तकनीशियन संघ जिला मंडी के प्रधान अमरजीत शर्मा ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में लैब तकनीशियन कैटेगिरी के साथ हमेशा भेदभाव किया है। इस समय एमएलटी ग्रेड-1 (चीफ लैब तकनीशियन) के मात्र 45 पद हैं। 30 से 40 वर्ष से इनमें कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है जबकि एमए टी ग्रेड-2 सीनियर लैब तकनीशियन के स्वीकृत पद 956 है।
HIGHLIGHTS
- स्वास्थ्य विभाग में लैब तकनीशियन कैटेगिरी के साथ हमेशा भेदभाव किया है
- 50 पद और चीफ लैब तकनीशियन के होने चाहिए
- मांग इसलिए उठाई जा रही है ताकि पदोन्नति का लाभ मिल सके स्वास्थ्य विभाग लैब तकनीशियन संघ जिला मंडी के प्रधान अमरजीत शर्मा ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में लैब तकनीशियन कैटेगिरी के साथ हमेशा भेदभाव किया है। उन्होंने कहा कि लैब तकनीशियन जिस पद पर नौकरी पर लगता है, उसी पद से 30-35 वर्षों बाद सेवानिवृत्त हो रहा है।
50 पद चीफ लैब तकनीशियन के होने चाहिए
इस समय एमएलटी ग्रेड-1 (चीफ लैब तकनीशियन) के मात्र 45 पद हैं। 30 से 40 वर्ष से इनमें कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है, जबकि एमए टी ग्रेड-2 सीनियर लैब तकनीशियन के स्वीकृत पद 956 है। 956 पद के 10 प्रतिशत कोटे के हिसाब से एमएलटी ग्रेड-जे ( चीफ लैब तकनीशियन) के 96 पद बनते हैं, लेकिन वर्तमान में 45 पद ही स्वीकृत हैं। इस कारण बहुत से लैब तकनीशियन को पदोन्नति का लाभ नहीं मिल रहा है। 50 पद और चीफ लैब तकनीशियन के होने चाहिए, ताकि अधिक पदोन्नति का लाभ मिल सके।
लैब तकनीशियनों को मिले जोखिम भत्ता
उन्होंने मांग की कि एमएलटी ग्रेड-1 (चीफ लैब तकनीशियन) के पदों की संख्या को बढ़ाया जाए, टाइम बांड प्रमोशन की जाए और खाली एमएल ही ग्रेड-1 व ग्रेड-2 पदों को भरना, लैब तकनीशियन की वेतन विसंगति को दूर करना, लैब तकनीशियनों को जोखिम भत्ता दिया जाए।