Himachal Political: SC पहुंचे अयोग्य घोषित विधायक
Himachal Political Crisis: SC पहुंचे अयोग्य घोषित विधायक, याचिका में दिया तर्क; बोले- नहीं थी व्हिप की जानकारी
Himachal Political Crisis हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक संकट के चलते छह अयोग्य घोषित विधायक सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। छह मार्च को सुनवाई हो सकती है। याचिका में तर्क दिया है कि व्हिप की जानकारी सभी विधायकों को नहीं थी इसके बावजूद उनकी सदस्यता खत्म कर दी गई। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार में कोई भी विधायक नाराज नहीं है।
व्हिप की अवहेलना का भी निर्णय में किया जिक्र
कुलदीप पठानिया ने दलबदल रोधी कानून (एंटी डिफेक्शन ला) के तहत दोषी मानते हुए इन विधायकों को 28 फरवरी को अयोग्य घोषित किया था। इसके बाद सुजानपुर से कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा, धर्मशाला के सुधीर शर्मा, कुटलैहड़ के देवेंद्र कुमार भुट्टो, बड़सर के इंद्रदत्त लखनपाल, लाहौल-स्पीति के रवि ठाकुर और गगरेट के चैतन्य शर्मा हिमाचल विधानसभा के सदस्य नहीं रहे हैं।
विधानसभा अध्यक्ष ने संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान के माध्यम से दायर याचिका पर निर्णय सुनाते हुए कहा था कि यह कार्रवाई दल-बदल रोधी कानून के तहत की गई। व्हिप की अवहेलना का भी निर्णय में जिक्र किया है।
भाजपा के सात विधायकों पर कार्रवाई की तैयारी शुरू
उधर, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने दावा किया है कि सरकार बचाने के लिए भाजपा के सात विधायकों पर कार्रवाई करने की तैयारी में है। इनमें सतपाल सत्ती, विपिन परमार, हंसराज, विनोद कुमार, जनक राज, त्रिलोक जम्वाल, दीपराज कपूर शामिल हैं। सोमवार को विधानसभा में विशेषाधिकार समिति की बैठक में भाजपा के सात विधायकों से 10 दिन के भीतर जवाब मांगा है। आरोप लगाया कि आनन-फानन में कमेटी की बैठक कर भाजपा के विधायकों को नोटिस जारी किए हैं।
इसमें सदन की बैठक स्थगित होने के बाद किए व्यवहार को आधार बनाया है। जयराम ठाकुर ने कहा कि हमारे समय में सदन के भीतर विधायकों ने माइक तोड़े, अनेक बार विधानसभा में कागज फेंके, इसके बावजूद कभी किसी पर कार्रवाई नहीं हुई है। विधानसभा के बजट सत्र के दौरान विपक्ष के कुछ विधायकों पर आरोप है कि उन्होंने कागज फाड़ पर आसन की तरफ फेंके। हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि ऐसी कोई जानकारी नहीं है। यदि हुआ होगा तो विशेषाधिकार समिति के माध्यम से किया होगा।
कोई नाराज नहीं, सभी संतुष्ट: सुक्खू
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार में कोई भी विधायक नाराज नहीं है। न ही सरकार किसी को खुश करने का प्रयास कर रही है। सभी संतुष्ट हैं। शिमला में सोमवार को एशियन रिवर राफ्टिंग चैंपियनशिप के शुभारंभ पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कहना गलत है कि सरकार विधायकों को खुश करने का प्रयास कर रही है।
जो विधायक जिस काम की क्षमता रखते हैं, उन्हें वह काम दिया जा रहा है। हमारी सरकार पहले दिन से ही आम जनता व समाज के हर वर्ग के लिए कार्य कर रही है। एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं हाईकमान के आदेशों का अनुसरण करता हुं। हाईकमान ने जो निर्देश दिए हैं उसे लागू किया जा रहा है।
मुकेश ने सोनिया-प्रियंका को सौंपी रिपोर्ट
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने सोमवार को दिल्ली में पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी व राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा से भी भेंटकर प्रदेश में चल रहे सियासी घटनाक्रम की रिपोर्ट सौंपी है। राज्यसभा चुनाव में क्रास वोटिंग के कारण, सरकार का रिपोर्ट कार्ड व लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बारे में बताया।
जानकारी के अनुसार सोनिया-प्रियंका ने सरकार व संगठन को तालमेल से काम करने के लिए कहा। लोकसभा चुनाव तक उन्होंने सरकार में किसी तरह के बदलाव नहीं करने के संकेत दिए हैं। उधर, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह सोमवार को दिल्ली से लौट आए।
अनुराग-धूमल विरोधी गुट ने किया सरकार गिराने का प्रयास: धर्माणी
घुमारवीं में तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने आरोप लगाया कि भाजपा के अनुराग-धूमल विरोधी कहलाने वाले एक गुट ने सरकार गिराने का प्रयास किया। उन्होंने एक तीर से दो निशाने साधने का कार्य किया है। भारतीय जनता पार्टी प्रदेश में जनता के जनादेश का निरादर कर रही है। जनता ने कांग्रेस को प्रदेश में पांच साल के लिए जनादेश दिया है, जिसका लोग आने वाले उपचुनाव में भाजपा को जवाब देंगे।