Himachal Politics: उपचुनाव के नतीजों की तपिश तो नहीं झेली अनुराग ठाकुर ने!
Himachal Politics: उपचुनाव के नतीजों की तपिश तो नहीं झेली अनुराग ठाकुर ने!
उपचुनाव में भाजपा की हार को भी अनुराग की ताजपोशी की राह में रोड़ा माना जा रहा है जबकि दो बार बतौर मंत्री उनकी परफार्मेंस बढ़िया रही है।
हमीरपुर से लगातार पांच बार चुनाव जीतने का रिकॉर्ड बनाकर एक बार फिर से सांसद बने अनुराग ठाकुर को केंद्रीय मंत्री पद न मिलने के पीछे एक कारण इस संसदीय क्षेत्र में चार में से तीन विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे भी हैं, ऐसी चर्चा है। उपचुनाव में भाजपा की हार को भी अनुराग की ताजपोशी की राह में रोड़ा माना जा रहा है जबकि दो बार बतौर मंत्री उनकी परफार्मेंस बढ़िया रही है। हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में लोकसभा चुनाव के साथ चार विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव हुए, मगर भाजपा तीन सीटें हार गई, जिससे वह अपने दूसरे लक्ष्य से चूक गईं। दूसरी ओर अनुराग ठाकुर खुद बड़े अंतर यानी 1,82,397 मतों की लीड लेकर चुनाव जीते हैं।
उपचुनाव में जिन तीन विधानसभा सीटों पर भाजपा की हार हुई है, उन हलकों से लोकसभा चुनाव में अनुराग को अच्छी लीड मिली है। यानी वोट भाजपा को नहीं, कैंडीडेट्स को पड़े। भाजपा के भीतर ही सुगबुगाहट है कि अगर अनुराग को मिले सभी वोट भाजपा को मिले होते तो इस संसदीय सीट के तहत आने वाले जिन चार विस क्षेत्रों में उपचुनाव हुए, उन सभी में भाजपा जीतती। सुजानपुर हलके में तो अनुराग की सर्वाधिक 23,853 मतों के अंतर से जीत है, जबकि यहां से विधानसभा उपचुनाव में भाजपा के राजेंद्र राणा की 2,440 मतों से हार हुई। गगरेट से अनुराग की 10,944 और कुटलैहड़ से 7,819 वोटों की लीड रही जबकि विधानसभा उपचुनाव में गगरेट में भाजपा 8,487 और कुटलैहड़ में 5356 मतों से हार गई।