Himachal Pradesh: हाईकोर्ट से राहत, राष्ट्रीय विधि विवि के 4 कर्मी नौकरी से नहीं हटेंगे

Himachal Pradesh: राष्ट्रीय विधि विवि में हटाए चार और कर्मियों को हाईकोर्ट से मिली राहत, नौकरी से नहीं हटेंगे
हिंदी टीवी न्यूज, शिमला। Published by: Megha Jain Updated Wed, 12 Feb 2025
राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय घंडल की ओर से 43 कर्मचारियों को 31 दिसंबर 2024 को विभिन्न श्रेणियों में काम कर रहे दैनिक वेतन भोगियों की मौखिक रूप से सेवाएं समाप्त कर दी थीं। इनमें से चार कर्मचारियों को मंगलवार को हाईकोर्ट ने सेवाओं से न हटाए जाने की अंतरिम राहत दी है।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय घंडल की ओर से 43 कर्मचारियों को 31 दिसंबर 2024 को विभिन्न श्रेणियों में काम कर रहे दैनिक वेतन भोगियों की मौखिक रूप से सेवाएं समाप्त कर दी थीं। इनमें से चार कर्मचारियों को मंगलवार को हाईकोर्ट ने सेवाओं से न हटाए जाने की अंतरिम राहत दी है। वे फिलहाल नौकरी नहीं हटेंगे।
अदालत में इस मामले को लेकर अभी तक 32 के करीब कर्मचारियों ने अलग-अलग याचिकाएं दायर की हैं, जिसमें कोर्ट ने इन सभी को राहत प्रदान करते हुए विश्वविद्यालय को नोटिस जारी किया है और इस मामले में जवाब दायर करने के आदेश दिए हैं। राज्य उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बिपिन चंद्र नेगी की अदालत ने विधि विश्वविद्यालय की ओर से जारी 8 जनवरी की अधिसूचना को पहले ही 21 जनवरी को खारिज कर दिया था।
अधिसूचना जारी होने के बाद हटाए गए कर्मचारियों ने प्रदेश हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। याचिकाओं में आरोप लगाए गए कि विश्वविद्यालय ने इन कर्मचारियों को बिना नोटिस दिए हटा दिया। याचिकाकर्ता वर्ष 2022 से विश्वविद्यालय में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। पहले इनकी सेवाएं तीन महीने के लिए ली गईं। उसके बाद इनकी सेवाओं का विस्तार होता रहा। विश्वविद्यालय ने जिन पदों के लिए विज्ञापन निकाले हैं, वे नियमित पदों के लिए नहीं हैं। एक दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी के स्थान पर दूसरे दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी को नियुक्त करना अवैध है और कानून के विपरीत है। नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की ओर से विभिन्न पदों को भरने के लिए सफाई, सुरक्षाकर्मी, हॉस्टल अटेंडेंट, ड्राइवर, कारपेंटर, इलेक्ट्रीशियन, पलंबर सहित तकनीकी सहायक के विज्ञापन जारी किए थे।