Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश के डिपुओं में तेल और दालों का संकट,
Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश के डिपुओं में तेल और दालों का संकट, खाली लौट रहे उपभोक्ता; जानें क्या है वजह
हिमाचल प्रदेश के करीब 4,500 राशन डिपुओं में इस माह तेल और दालों का कोटा ही नहीं पहुंचा है। लोगों को खाली हाथ डिपुओं से लौटना पड़ रहा है। जानें क्या है वजह
हिमाचल में इस महीने लोगों को डिपुओं में सस्ता राशन नहीं मिल रहा है। प्रदेश में चल रहे करीब 4,500 राशन डिपुओं में इस माह तेल और दालों का कोटा ही नहीं पहुंचा है। इसके चलते उपभोक्ताओं को तेल और दालों के बिना ही डिपुओं से खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। डिपुओं में आटा, चावल व नमक ही मिल रहा है। हालांकि, कुछ जगह उपभोक्ताओं को पुराने स्टॉक से बची दाल चना दी गई है। तीन तरह की दालें और तेल डिपुओं में न आने से लोगों को बाजार का रुख करना पड़ रहा है।
बताया जा रहा है कि केंद्र की एजेंसी एनसीसीएफ से हिमाचल को उड़द की दाल तो भेजी गई थी, लेकिन वह खराब पाई गई तो वापस भेज दी गई। अन्य दो दालें केंद्रीय एजेंसी से अभी मिली ही नहीं हैं। उधर, खाद्य आपूर्ति निगम ने तेल के लिए टेंडर प्रक्रिया तो शुरू की है, लेकिन इसे सरकार से मंजूरी नहीं मिली है। सरकार से मंजूरी मिलने के बाद ही निगम डिपुओं में तेल उपलब्ध करवा पाएगाहिमाचल में 19.50 लाख परिवार हैं, जिन्हें सरकार सब्सिडी पर राशन उपलब्ध करवा रही है। प्रदेश सरकार उपभोक्ताओं को तीन दालें (मलका, उड़द और दाल चना), दो लीटर तेल (रिफाइंड और सरसों) के अलावा चीनी और एक किलो नमक देती है। सरकार दालें केंद्रीय एजेंसी एनसीसीएफ से लेती है। वहीं, गेंहू और चावल केंद्र सरकार उपलब्ध कराती है। केंद्र से गेहूं मिलने के बाद सरकार इसकी पिसाई कर उपभोक्ताओं को आटा उपलब्ध करवाती है। निगम के अनुसार हिमाचल में 15 हजार क्विंटल मलका और 12 हजार दाल चना की हर महीने खपत है।