Himachal Pradesh News: हिमाचल में बनी नमकीन में ज्यादा मिला सल्फर आक्साइड, कंपनी को थमाया जाएगा नोटिस
हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में नमकीन को प्रिजर्व रखने के लिए सल्फर ऑक्साइड (Sulphur Oxide) का प्रयोग किया जाता है। वहीं नमकीन बनाने वाली एक कंपनी ने इसका ज्यादा प्रयोग किया हुआ है। इसके कारण ये स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदायक है। यहीं कारण है कि खाद्य सुरक्षा विभाग ने सैंपल ले लिए हैं और अब कंपनी को नोटिस भेजा जाएगा। मंडी। हिमाचल में बनने वाली एक नमकीन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक पाया गया है। खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से भरे गए सैंपल में नमकीन में सल्फर आक्साइड की मात्रा अधिक मिली है। अब विभाग संबंधित कंपनी को नोटिस देकर इस बैच के पूरे माल को उठवाएगा, जिससे लोग इसे न खा सकें। इसके सेवन से पेट के विकार होने का खतरा रहता है।खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने गत माह सरकाघाट में हिमाचल में बने एक नमकीन के सैंपल भरे थे। यह मिस ब्रांडेड भी पाया गया है, लेकिन प्रयोगशाला से आई रिपोर्ट में नमकीन की जांच में इसे प्रिजर्व रखने के लिए डाला जाने वाला सल्फर ऑक्साइड अधिक पाया गया।
इसलिए होता सल्फर ऑक्साइड का उपयोग
सल्फर ऑक्साइड इसलिए डाला जाता ताकि नमकीन तय समय तक खराब न हो, लेकिन इसकी अधिक मात्रा होने के कारण इसके सेवन से बीमार होने का खतरा बढ़ जाता है। अब विभाग संबंधित फर्म को नोटिस जारी कर इस नमकीन के सारे बैच को बाजार से उठवाएगी। साथ ही दुकानदार को भी नोटिस दिया जाएगा।वहीं विभाग की टीम ने सुंदरनगर और नेरचौक से खाद्य पदार्थों के आठ सैंपल भरे हैं। इसमें सरसों के तेल के दो, दूध, लस्सी, मेथी, धनिया, रैड चिल्ली पाउडर और गर्म मसाला शामिल हैं। इनको जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है।
नमकीन और मिस ब्रांडेड पाए गए पैकेट
खाद्य सुरक्षा विभाग के सहायक आयुक्त एलडी ठाकुर ने कहा कि हिमाचल में बने नमकीन के सैंपल अनसेफ और मिस ब्रांडेड पाए गए हैं। इसके लिए कंपनी को नोटिस जारी कर नमकीन के बैच को दुकानों से हटाने के आदेश दिए जाएंगे।
पीपल जातर मेले में स्वास्थ्य विभाग ने लिए सैंपल
इसके साथ ही कुल्लू में चल रहे पीपल जातर मेले में स्वास्थ्य विभाग लोगों की सेहत को लेकर सजग हो गया है। इसी के तहत स्वास्थ्य विभाग ने अस्थायी दुकानों से खाद्य पदार्थ के 30 सैंपल भरे हैं। इनमें दूध-घी से बनी मिठाइयों व अन्य उत्पादों के सैंपन लिए गए हैं। इनको को जांच के लिए कंडाघाट प्रयोगशाला भेज दिया है।