Himachal Tourism:टूरिस्ट की आमद में भारी गिरावट
पर्यटन पर पड़ रहा टैक्स बढ़ोतरी का असर, टूरिस्ट की आमद में हुई भारी गिरावट; कारोबारियों को हो रहा नुकसान
Tourism in Himachal सुक्खू सरकार द्वारा टूरिस्ट बसों व टैंपों ट्रेवलरों पर प्रतिदिन के हिसाब से हजारों रूपये का टैक्स लगाने का प्रतिकूल प्रभाव पर्यटन कारोबार पर पड़ा है। पर्यटकों की संख्या में लगातार कमी हो रही है। पर्यटन नगरी कसौली में इस सप्ताहंत कुल 30 प्रतिशत ही ऑक्यूपेंसी होटलों में रही। कई होटलों में एकाध की कमरे बुक हो पाए।
- टूरिस्ट बसों व टैंपों ट्रेवलरों से वसूला जा रहा टैक्स का पर्यटन पर पड़ा असर।
- टूरिस्ट की आमद में हुई भारी गिरावट
- टैंपों ट्रेवलर यूनियनों ने हिमाचल आने के लिए किया बायकॉट
सोलन,संवाद सहयोगी। Tourism in Himachal: सुक्खू सरकार द्वारा टूरिस्ट बसों व टैंपों ट्रेवलरों पर प्रतिदिन के हिसाब से हजारों रूपये का टैक्स लगाने का प्रतिकूल प्रभाव पर्यटन कारोबार पर पड़ा है। प्रदेश के कई हिल स्टेशनों में एकदम से पर्यटकों की आमद में भारी गिरावट आ गई है।
कसौली में पर्यटकों से रही 30 प्रतिशत ही ऑक्यूपेंसी
पर्यटन नगरी कसौली में इस सप्ताहंत कुल 30 प्रतिशत ही ऑक्यूपेंसी होटलों में रही। कई होटलों में एकाध की कमरे बुक हो पाए। ऐसा ही हाल पर्यटक स्थल चायल का भी रहा। वहां भी सप्ताहंत पर पर्यटकों की संख्या अपेक्षा से बहुत कम रही।
टैंपों ट्रेवलर यूनियनों ने हिमाचल आने के लिए किया बायकॉट
जुलाई-अगस्त माह में भारी बारिश के कारण पहले ही पर्यटन व्यवसाय ठप हो गया था, जिसके बाद पर्यटन कारोबार पटरी पर लौटने लगा था। लेकिन अब प्रदेश सरकार द्वारा पर्यटक बसों व टैंपो ट्रेवलरों से प्रतिदिन के हिसाब से टैक्स लगाने से फिर से व्यवसाय में गिरावट आ गई है। कई राज्यों की टैंपों ट्रेवलर यूनियनों ने तो हिमाचल आने के लिए बायकॉट भी कर दिया है और टैक्स बंद करने की मांग भी की है।
टैक्स बढ़ाने से कम हो रहा टूर और ट्रैवल
गौरतलब है कि प्रदेश के अधिकतर हिल स्टेशनों पर स्कूली बच्चों व कॉलेजों के टूअर बसों व टैंपों ट्रेवलरों से आते हैं, लेकिन अब टैक्स बढ़ने के कारण इसमें भारी कमी देखी जा रही है। गिरते कारोबार को देखते हुए होटल व्यवसायी व दुकानदार भी चिंतित हो गए हैं और प्रदेश सरकार से इस संबंध में फिर से निर्णय लेने की मांग की है।
कई राज्यों की टैंपों यूनियनों ने किया बहिष्कार : चोपड़ा
कसौली होटलियर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र चोपड़ा ने बताया कि इस सप्ताहंत पर कसौली में 30 प्रतिशत ही ऑक्यूपेंसी रही। रविवार को काफी कम संख्या में पर्यटकों की आमद रही। कई होटलों में तो एकाध कमरा ही लग पाया। बाहरी राज्यों की पर्यटक बसों वटैंपो ट्रेवलरों पर टैक्स लगने के कारण कई राज्यों की टैंपों यूनियनों ने हिमाचल में आने से मनाही कर दी है।
टैक्स बढ़ाने से पर्यटन नगरी को हो रहा नुकसान
ऐसे में पर्यटकाें के ग्रुप व स्कूल-कॉलेजों के टूअर नहीं आ पा रहे हैं। कसौली, शिमला, चायल, मनाली सहित अनेकों हिल स्टेशनों पर पर्यटकों के ग्रुप टैंपों ट्रेवलरों के माध्यम से आते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को टैक्स संबंधी निर्णय पर फिर से विचार करना चाहिए, ताकि पर्यटन इंडस्ट्री नुकसान से बच सके।