HP Politics: निर्दलियों पर संविधान के अनुसार लेंगे फैसला
निर्दलियों पर संविधान के अनुसार लेंगे फैसला
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने निर्दलीय विधायकों की स्थिति को लेकर भी अपनी चुप्पी तोड़ी है। विधानसभा में मीडिया से बातचीत में कुलदीप पठानिया ने कहा कि इन तीनों विधायकों को 10 अप्रैल को उपस्थित होने का नोटिस दिया गया था। इससे पहले इन्होंने व्यक्तिगत तौर पर अपना इस्तीफा मुझे दिया था, लेकिन इस रिजाइन के कारणों की जांच करना स्पीकर का अधिकार है। यह अधिकार संविधान में मिला है। इसलिए वह उन अधिकारों का प्रयोग कर रहे हैं। निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे पर संविधान के अनुसार ही फैसला होगा। इस सारी प्रक्रिया से विधानसभा सचिवालय ने राज्यपाल महोदय को भी अवगत करवा दिया था। स्पीकर ने कहा कि अब मामला हाई कोर्ट में भी है और 24 अप्रैल को अगली सुनवाई होगी। इससे पहले विधानसभा की ओर से हाई कोर्ट में भी जवाब दायर किया जाएगा।
स्पीकर ने कहा कि निर्दलीय विधायक जब किसी पार्टी को ज्वाइन करता है, तो डिसक्वालीफिकेशन वैसे भी हो जाती है, इसीलिए दो तरह के विकल्प अभी मौजूद हैं। वह अभी फैसले पर नहीं जा रहे हैं, क्योंकि प्रोसिडिंग चल रही है। इन्हें 10 अप्रैल यानी बुधवार का समय दिया गया था, लेकिन नोटिस का लिखित में जवाब उन्होंने साथ नहीं लाया था। इसीलिए 2:30 बजे तक प्रोसीडिंग को स्थगित कर उन्हें दोबारा टाइम दिया गया है।
22 मार्च को इस्तीफा, 23 को ज्वाइन की पार्टी
शिमला — हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई के बाद तीनों निर्दलीय विधायक विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस के अनुसार स्पीकर के सामने पेश हुए। देहरा से निर्दलीय विधायक होशियार सिंह, नालागढ़ से निर्दलीय विधायक केएल ठाकुर और हमीरपुर से निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा ने पहले स्पीकर से मुलाकात की और उसके बाद मीडिया के सवालों के जवाब दिए। उनका कहना था कि स्पीकर की ओर से जारी किया गया कारण बताओ नोटिस सिर्फ देरी करने की मंशा से था। इसलिए उन्हें मजबूरी में हाई कोर्ट जाना पड़ा है। उन्होंने अध्यक्ष को स्पष्ट किया है कि इस्तीफा 22 मार्च को दिया है, जबकि 23 मार्च को भाजपा ज्वाइन की है। इसलिए स्पीकर को पहले डिसक्वालीफिकेशन क्लॉज के बजाय इस्तीफे पर फैसला देना होगा। उन्होंने कहा कि वे लोकसभा के साथ उपचुनाव लडऩा चाहते हैं और भाजपा की टिकट पर यह उपचुनाव लड़ेंगे।