HP Politics: होली लॉज के साये में रहे नेताओं पर महाजन की विशेष नजर, कभी खुद भी थे प्रमुख रणनीतिकार
पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह ने हमेशा हर्ष महाजन को खास तवज्जो दी। वह होली लॉज से ही वीरभद्र का सारा चुनावी प्रबंधन संभालते थे और खुद चुनाव लड़ना छोड़ गए थे। मगर वीरभद्र सिंह के देहांत के बाद हर्ष की होली लॉज से निभी नहीं, जिसके बाद वह पिछले विधानसभा चुनाव से पहले ही भाजपा के हो लिए थे। अब हर्ष महाजन के निशाने पर कांग्रेस का एक खास खेमा है।
कभी पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह के खास रणनीतिकार रहे हर्ष महाजन के निशाने पर कांग्रेस का एक खास खेमा है। चौपाल के पूर्व विधायक सुभाष मंगलेट को भाजपा में लाकर महाजन की यह रणनीति सामने आई है। भाजपा की यह व्यूह रचना कांग्रेस के सामने एक और चुनौती है। होली लॉज के साये में रहे मगर अब हाशिये में चल रहे कांग्रेस नेताओं पर हर्ष महाजन की नजर है।सोमवार को मंगलेट को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से मिलाने भी वह खुद नई दिल्ली ले गए। मंगलेट से पहले भी हर्ष महाजन इसी समूह के तीन चर्चित नेताओं को भाजपा में ला चुके हैं। यह सुधीर शर्मा, राजेंद्र राणा और इंद्रदत्त लखनपाल हैं। हालांकि, कांग्रेस ने भी दो पूर्व विधायकों गगरेट से राकेश कालिया, आनी से किशोरी लाल, भाजपा के सुजानपुर से पूर्व प्रत्याशी कैप्टन रंजीत राणा जैसे कुछ नेताओं को अपने साथ मिलाकर पलटवार करने का प्रयास किया, मगर हर्ष का सहारा लेकर भाजपा दल-बदल करवाने में कांग्रेस से आगे निकल गई है।
पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह ने हमेशा हर्ष महाजन को खास तवज्जो दी। वह होली लॉज से ही वीरभद्र का सारा चुनावी प्रबंधन संभालते थे और खुद चुनाव लड़ना छोड़ गए थे। मगर वीरभद्र सिंह के देहांत के बाद हर्ष की होली लॉज से निभी नहीं, जिसके बाद वह पिछले विधानसभा चुनाव से पहले ही भाजपा के हो लिए थे। इसी खेमे के एक अन्य नेता कांगड़ा के विधायक पवन काजल भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में चले गए थे और भाजपा का टिकट लेकर विधानसभा चुनाव लड़कर फिर से विधायक भी बन गए।राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा ने एक रणनीति के तहत ही हर्ष महाजन को प्रत्याशी दिया तो उन्होंने छह कांग्रेस विधायकों और तीन निर्दलियों से अपने पक्ष में मतदान करवा लिया। इनमें इसी विशेष खेमे के तीन विधायक सुधीर शर्मा, राजेंद्र राणा और इंद्रदत्त लखनपाल भी शामिल थे। हालांकि, तीन अन्य विधायकों में लाहौल स्पीति के विधायक रवि ठाकुर इस खेमे से नहीं थे। मंत्री न बनाए जाने की नाराजगी ताड़कर महाजन रवि को भाजपा में मिलाने में कामयाब हुए तो उस समय कुटलैहड़ से देवेंद्र कुमार भुट्टो को भी अपने पक्ष में कर लिया। अब कभी वीरभद्र सिंह के नजदीकी रह चुके सुभाष मंगलेट को भाजपा में शामिल कर लिया।अगला लक्ष्य चुनाव जीतना
वहीं, भाजपा के राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन का कहना है कि अगला लक्ष्य चुनाव जीतना है। सुभाष मंगलेट खुद भाजपा में आना चाह रहे थे। कांग्रेस के नेताओं को भाजपा में मिलाने से पहले तमाम बातों का ध्यान रखा जाता है। उसके बाद ही फैसला होता है।