Kangra Airport: हवाई अड्डे का रास्ता साफ
Kangra Airport: कांगड़ा हवाई अड्डे का रास्ता साफ, दिसंबर में मिलेगा प्रभावितों को मुआवजा
मौजूदा समय में कांगड़ा एयरपोर्ट की हवाई पट्टी 1,370 मीटर लंबी और 30 मीटर चौड़ी है। अब रनवे को 3,110 मीटर करने का प्रस्ताव है।
हिमाचल के पहले अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का काम तेजी से शुरू हो गया है। प्रशासन की मानें तो कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तारीकरण की जद में आने वाले 14 गांवों के लोगों को इस साल दिसंबर से मुआवजा मिलना शुरू हो जाएगा। वर्तमान में हवाई अड्डे के विस्तारीकरण की जद में आने वाले 14 गांवों में जमीन का सर्वे तेज गति से चला हुआ है। प्रशासन का लक्ष्य है कि अक्तूबर के पहले हफ्ते में लैंड सर्वे का काम पूरा हो जाए।
हवाई अड्डे के विस्तारीकरण के लिए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू कामकाज की रिपोर्ट खुद ले रहे हैं। डीसी कांगड़ा प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। बजट सत्र में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तारीकरण के लिए 2,000 करोड़ रुपये का बजट रखा था। सरकार ने अधिसूचना जारी कर प्रभावित लोगों की लिस्ट भी लोगों के सामने रख दी। आपत्तियां लेने के बाद लैंड सर्वे का काम शुरू हुआ जो अक्तूबर के पहले हफ्ते में पूरा हो जाएगा।
3110 मीटर लंबी होगी हवाई पट्टी
मौजूदा समय में कांगड़ा एयरपोर्ट की हवाई पट्टी 1,370 मीटर लंबी और 30 मीटर चौड़ी है। अब रनवे को 3,110 मीटर करने का प्रस्ताव है। वर्तमान में कांगड़ा एयरपोर्ट पर एयर इंडिया, स्पाइस जेट और इंडिगो की 6 उड़ानें चल रही हैं। छोटे हवाई जहाज आने की वजह से दिल्ली से धर्मशाला का किराया 6 हजार से 30 हजार तक यात्रियों को वहन करना पड़ता है।
बाग, बरस्वालकड़, बल्ला, भेड़ी, ढुगियारी खास, गगल खास, झिकली इच्छी, मुगरेहड़, सहौड़ा, सनौरा, रछियालु, जुगेहड़, भड़ोत और कियोड़ी गांव जद में आएंगे।
147 हेक्टेयर भूमि चिह्नित
एयरपोर्ट के लिए 14 गांवों से 1,200 परिवारों की जमीन अधिग्रहण की जाएगी। अधिसूचना में सरकार ने 1,200 परिवारों की जमीन का ब्योरा भी दिया है। अधिग्रहण के लिए सरकार ने 14 गांवों की सरकारी और निजी करीब 147 हेक्टेयर (करीब 3847 कनाल) जमीन चयनित की है। इसमें 123 हेक्टेयर निजी और सरकारी 24 हेक्टेयर सरकारी भूमि चयनित है।