KCCB लोन घोटाला: सीबीआई करेगी तफ्तीश, प्रबंधन ने लिखा पत्र
KCCB Loan Scam: अब सीबीआई करेगी करोड़ों रुपये के बैंक लोन घोटाले की तफ्तीश, प्रबंधन ने लिखा पत्र
हिंदी टीवी न्यूज़, शिमला Published by: Megha Jain Updated Wed, 15 Jan 2025
सीबीआई में एफआईआर दर्ज होने के बाद विजिलेंस से मामले से जुड़ा सारा रिकॉर्ड ले लिया जाएगा। मौजूदा समय में लोन धारक के अलावा बैंक के कई अधिकारी जांच को जद में हैं।
हिमाचल प्रदेश के ऊना में कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक में करोड़ों रुपये के लोन घोटाले की जांच अब सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) कर सकती है। इस बाबत बैंक प्रबंधन की ओर से सीबीआई शिमला कार्यालय को घोटाले के बारे में लिखित जानकारी दे दी गई है। सीबीआई में एफआईआर दर्ज होने के बाद विजिलेंस से मामले से जुड़ा सारा रिकॉर्ड ले लिया जाएगा। मौजूदा समय में लोन धारक के अलावा बैंक के कई अधिकारी जांच को जद में हैं। बैंक के कई अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप है। विजिलेंस की टीम इस मामले में 20 करोड़ रुपये लोन घोटाले की छानबीन कर रही है जबकि बैंक की ओर से सीबीआई को दी गई जानकारी में कर्ज की रकम करीब 39 करोड़ बताई गई है।
बता दें कि इस मामले में विजिलेंस ने युद्ध चंद बैंस को आरोपी बनाया है। इस पर दो होटलों के लिए ऋण और फंड के उपयोग में धोखाधड़ी और अनियमितताओं का आरोप लगाया गया है। पहली परियोजना हिमालयन स्नो विलेज को 20 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया था, जिसमें से लगभग 7.87 करोड़ रुपये पहले और 4 करोड़ रुपये बाद में स्वीकृत किए गए थे। हालांकि जांच रिपोर्ट में परियोजना स्थल पर गड़बड़ियां पाई गई। इसके अलावा बैंक ने पाया कि ऋण की राशि को संबंधित व्यक्ति ने अपनी अन्य कंपनियों में स्थानांतरित किया है और उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए उपयोग प्रमाण पत्र झूठे थे।
12 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत
दूसरी परियोजना होटल लेक पैलेस के लिए 12 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत किया गया था, लेकिन इसके लिए भी वित्तीय दावों और प्रमाणपत्रों में अनियमितताएं सामने आई हैं। इसमें भी रकम को एक अन्य व्यक्तिगत खाते में स्थानांतरित किया गया और कहीं भी निर्माण कार्य का कोई प्रमाण नहीं मिला। 39 करोड़ में से बैंक की ओर से कितना लोन धारक को दिया गया, इस दिशा में छानबीन की जा रही है। इन दोनों परियोजनाओं में जांच में पाया कि ऋण राशि का वास्तविक इस्तेमाल नहीं किया गया और रकम को अन्य उद्देश्यों के लिए स्थानांतरित किया गया। इन मामलों में ऑडिट और बैंक द्वारा की गई जांच से इन घोटालों का पर्दाफाश हुआ है।