Manimahesh Yatra: बर्फ के बीच डल झील में श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी
मणिमहेश की डल झील में श्रद्धालुओं ने बुधवार को जन्माष्टमी का छोटा शाही स्नान किया। इस दौरान झील श्रद्धालुओं से भरी रहा। शाही स्नान का शुभ मुहूर्त बुधवार को शाम 3:38 बजे शुरू हुआ। श्रद्धालुओं के जत्थे विभिन्न पड़ावों में रुके हुए थे। वह सभी जत्थे बुधवार को स्नान करने के लिए डल झील में पहुंच गए। डल झील के चारों तरफ बर्फ की सफेद चादर होने से ठंड भी प्रचंड रही। श्रद्धालुओं की आस्था के आगे ठंड भी नहीं टिक पाई। भगवान शिव के जयकारे लगाते हुए श्रद्धालु डल झील के ठंडे पानी में उतर गए।
सुबह और शाम के समय डल झील के चारों तरफ ठंड की वजह से पानी जम जा रहा है। बर्फ गिरने से ठंड काफी बढ़ गई है, और तापमान भी नीचे गिर गया है। बुधवार को छोटे शाही स्नान के उपरांत कुछ श्रद्धालुओं ने वापसी की, तो कुछ श्रद्धालु रात को रुकने के उपरांत वीरवार सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान के उपरांत लौटेंगे। अधिकतर श्रद्धालु जन्माष्टमी और राधाष्टमी की रात डल झील पर रुकना पसंद करते हैं। कुछ श्रद्धालु मणि के दर्शन करने के लिए भी यहां ठहरते हैं।
मणिमहेश यात्रा के दौरान जहां सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु पैदल यात्रा कर रहे हैं, वहीं हेली टैक्सी के जरिये भी श्रद्धालु जा रहे हैं। जन्माष्टमी का छोटा शाही स्नान करने के लिए काफी संख्या में श्रद्धालु हेली टैक्सी से गौरीकुंड रवाना हुए। जहां से श्रद्धालुओं ने डल झील तक यात्रा पैदल पूरी की। दिनभर में हुई 45 उड़ानों में 489 यात्रियों ने सफर किया। इसमें 264 श्रद्धालु भरमौर से गौरीकुंड के रवाना हुए, वहीं 225 श्रद्धालु गौरीकुंड से भरमौर पहुंचे। आठ मिनट में श्रद्धालुओं ने भरमौर से गौरीकुंड का सफर तय किया।