Manipur unrest: मणिपुर के 6 क्षेत्रों में फिर से लागू हुआ AFSPA, बढ़ती हिंसा के बाद सरकार ने लिया फैसला
Manipur unrest: मणिपुर के 6 क्षेत्रों में फिर से लागू हुआ AFSPA, बढ़ती हिंसा के बाद सरकार ने लिया फैसला
Manipur Violence: केंद्र ने मणिपुर के हिंसा प्रभावित जिरीबाम सहित छह पुलिस थाना क्षेत्रों में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (AFSPA) को फिर से लागू कर दिया है। इसके तहत सुरक्षा बलों की सहूलियत के लिए किसी क्षेत्र को ‘अशांत’ घोषित किया जाता है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि यह निर्णय मणिपुर में जारी जातीय हिंसा के कारण लगातार अस्थिर स्थिति को देखते हुए लिया गया है। जिन पुलिस थाना क्षेत्रों में अफस्पा को फिर से लागू किया गया है, उनमें इंफाल पश्चिम जिले में सेकमाई और लमसांग, इंफाल पूर्वी जिले में लमलाई, जिरीबाम जिले में जिरीबाम, कांगपोकपी में लीमाखोंग और बिष्णुपुर में मोइरांग शामिल है। 31 मार्च, 2025 तक अफस्पा को बढ़ाया गया है।
यह ताजा आदेश मणिपुर सरकार द्वारा एक अक्टूबर को इन छह पुलिस थानों समेत 19 थाना क्षेत्रों को छोड़कर पूरे राज्य में अफस्पा लागू करने के बाद आया है। मणिपुर सरकार के एक अक्टूबर के अफस्पा लगाने के आदेश से बाहर रहे पुलिस थानों में इंफाल, लाम्फाल, सिटी, सिंगजामेई, सेकमाई, लैमसांग, पाटसोई, वांगोई, पोरोम्पैट, हेइनगांग, लामलाई, इरिलबंग, लीमाखोंग, थौबल, बिष्णुपुर, नामबोल, मोइरंग, काकचिंग और जिरीबाम शामिल थे।
मणिपुर के जिरीबाम जिले में सोमवार को छद्म वर्दीधारी और अत्याधुनिक हथियारों से लैस उग्रवादियों द्वारा एक पुलिस थाने और निकटवर्ती सीआरपीएफ शिविर पर अंधाधुंध गोलीबारी की गयी। इसके बाद सुरक्षा बलों के साथ भीषण मुठभेड़ में ग्यारह संदिग्ध उग्रवादी मारे गए।
एक दिन बाद, उसी जिले से सशस्त्र आतंकवादियों ने महिलाओं और बच्चों सहित छह नागरिकों का अपहरण कर लिया। पिछले साल मई से इंफाल घाटी स्थित मेइती और समीपवर्ती पहाड़ियों पर स्थित कुकी-जो समूहों के बीच जातीय हिंसा में 200 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।
मणिपुर के जिरिबाम में नए सिरे से हिंसा भड़कने के बाद पिछले सप्ताह से तनाव की स्थिति बनी हुई है। जातीय रूप से विविधतापूर्ण जिरीबाम इंफाल घाटी और आसपास की पहाड़ियों में हुए संघर्षों से काफी हद तक अछूता रहा है। लेकिन इस साल जून में एक खेत में एक किसान का क्षत-विक्षत शव मिलने के बाद हिंसा का गवाह बना।
सीएपीएफ की 20 और कंपनियों को भेजा गया
केंद्र सरकार ने मणिपुर में ने सिरे से हमलों की घटनाओं और कानून व्यवस्था संबंधी मुद्दों के मद्देनजर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की 20 अतिरिक्त कंपनियों को भेजा है जिनमें करीब 2,000 जवान हैं। सूत्रों ने पीटीआई से कहा कि गृह मंत्रालय ने मंगलवार रात को इन जवानों को तत्काल हवाई मार्ग से भेजने और तैनात करने का आदेश जारी किया।
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के साथ सोमवार को मणिपुर के जिरीबाम जिले में भीषण मुठभेड़ में कम से कम 10 संदिग्ध उग्रवादी मारे गए। यह मुठभेड़ तब हुई जब छद्म वर्दीधारी और अत्याधुनिक हथियारों से लैस उग्रवादियों ने जिरीबाम जिले के जाकुराधोर स्थित बोरोबेकरा थाने और निकटवर्ती सीआरपीएफ कैंप पर अंधाधुंध गोलीबारी की।
सीआरपीएफ ने भीषण मुठभेड़ के बाद अत्याधुनिक हथियारों की एक बड़ी खेप भी जब्त की। सूत्रों के अनुसार सीएपीएफ की जिन 20 कंपनियों को मणिपुर में तैनाती का आदेश दिया गया है, उनमें 15 सीआरपीएफ की और पांच सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की हैं। राज्य में पिछले साल मई में जातीय हिंसा शुरू होने के बाद से सीएपीएफ की 198 कंपनियां पहले से ही तैनात हैं। इस हिंसा में अब तक 200 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।