Manipur Violence: सुरक्षाबलों ने संवेदनशील इलाकों में चलाया तलाशी अभियान, जब्त किए कई तरह के हथियार
Manipur Violence मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदाय के बीच हिंसा रूकने का नाम नहीं ले रही है। दोनों समुदायों के बीच बीते साल से लगातार हिंसा जारी है। वहीं मणिपुर पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि सुरक्षा बलों ने राज्य के पहाड़ी और घाटी के जिलों के संवेदनशील इलाकों में तलाशी अभियान चलाया है और हथियार जब्त किए हैं। मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदाय के बीच हिंसक झड़प लगातार जारी है। इस झड़प में अब तक कई लोगों की मौत की खबर भी सामने आई है।
मणिपुर पुलिस ने एक्स पर पोस्ट किया, सुरक्षा बलों द्वारा पहाड़ी और घाटी जिलों के सीमांत और संवेदनशील इलाकों में तलाशी अभियान और क्षेत्र पर कब्जा किया गया।
पुलिस ने कहा कि ऑपरेशन के दौरान निम्नलिखित वस्तुएं बरामद की गईं-
- एक 12जी शॉटगन
- एक 22 स्वचालित रायफल मैगजीन सहित, नौ सिंगल बैरल राइफल
- एक देशी 9एमएम पिस्टल मैगजीन सहित, दो तात्कालिक मोर्टार, एक तात्कालिक मोर्टार बम,
- छह तात्कालिक मोर्टार बम लोडर
- एक केनवुड रेडियो सेट
- दस 12 बोर राउंड और 31.01.2024 को चुराचांदपुर जिले से पांच 9 मिमी राउंड बरामद की गई।
पुलिस ने कहा कि सुरक्षा बलों ने एनएच-37 और एनएच-2 पर आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले वाहनों की आवाजाही भी सुनिश्चित की है।
मणिपुर पुलिस ने एक्स पर पोस्ट किया और कहा कि एनएच-37 और एनएच-2 पर आवश्यक वस्तुओं के साथ क्रमशः 194 और 216 वाहनों की आवाजाही सुनिश्चित की गई है।
पुलिस ने कहा कि सभी संवेदनशील स्थानों पर सख्त सुरक्षा उपाय किए जाते हैं और वाहनों की स्वतंत्र और सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए संवेदनशील हिस्सों में एक सुरक्षा काफिला प्रदान किया जाता है।
पुलिस ने पोस्ट में कहा कि मणिपुर के पहाड़ी और घाटी दोनों जिलों में कुल 141 नाके/चेकपॉइंट लगाए गए थे और पुलिस ने राज्य के विभिन्न जिलों में उल्लंघन के सिलसिले में 250 लोगों को हिरासत में लिया।
पिछले साल मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदायों के बीच जातीय हिंसा तब भड़की थी, जब मैतेई समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में कुकी और मैतेई समुदायों द्वारा आयोजित ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ का आयोजन किया गया था।
इससे इम्फाल घाटी में मैतेई और पहाड़ी जिलों में नागा और कुकी सहित आदिवासियों के बीच तनाव पैदा हो गया।
इसके बाद से राज्य में लगातार हिंसा की घटनाएं देखने को मिल रही हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 15 सितंबर तक हिंसा में 175 लोग मारे गए थे।