PM मोदी पर नहीं होगा सीधा हमला
Politics: PM मोदी पर नहीं होगा सीधा हमला! सितंबर से शुरू होंगी देश भर में रैलियां, यह है INDIA का इनसाइड प्लान
मुंबई में शुरू होने वाली दो दिन की बैठक से पहले सियासी रोड मैप तय हो चुका है। इसके तहत अगले महीने से विपक्षी दलों की रैलियां और जनसंपर्क अभियान शुरू हो जाएंगे। विपक्ष ने पीएम मोदी के बजाए केंद्र सरकार की योजनाओं पर हमलावर होने का प्लान बनाया है।
मुंबई में होने वाली विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA की बैठक के बाद का पूरा रोड मैप तैयार कर लिया गया है। इस रोड मैप के मुताबिक, सितंबर के महीने में देश के प्रमुख विपक्षी नेताओं की ओर से रैली, जनसभाओं और रोड शो के आयोजन शुरू कर दिए जाएंगे। यही नहीं इन रैलियों में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधे तौर पर खुलकर हमला भी नहीं किए जाने की योजना बनाई गई है। तय यह भी हुआ है कि इन रैलियों और जनसभाओं में केंद्र सरकार की योजनाओं की हकीकत जनता के सामने तथ्यों के साथ रखी जाएगी। फिलहाल 31 अगस्त और 1 सितंबर को मुंबई में होने वाली विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA की तैयारियां जोरों पर शुरू हो गई है।
पीएम मोदी नहीं सिर्फ जनता से जुड़े मुद्दों को लेकर भाजपा पर वार
इस बार प्रमुख पक्षी दलों के गठबंधन INDIA ने यही योजना बनाई है कि लोकसभा चुनाव के दौरान होने वाली प्रमुख रैलियां और जनसभाओं में सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करने से बचा जाए। इसके विपरीत प्रधानमंत्री की बजाए केंद्र सरकार की योजनाओं का जिक्र करते हुए उनकी तथ्यों के साथ जनता के सामने हकीकत रखी जाने की योजना बनी है। योजना यह भी बनी है कि जो मुद्दे जनता से सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं उनको ही अपनी रैलियों जनसभाओं और रोड शो के दौरान उठाया जाए। विपक्षी दलों के गठबंधन में शामिल एक प्रमुख नेता कहते हैं कि ऐसा करके वह सीधे तौर पर जनता के मुद्दों के माध्यम से न सिर्फ उन तक अपनी पहुंच बना सकेंगे बल्कि हाल के दिनों में हुए चुनावी राज्यों में इस तरह के मुद्दों से जीत भी मिली है, उसका असर भी दिखेगा।
दूसरे राज्यों के गठबंधन के साथी भी रैलियों में रहेंगे शामिल
विपक्षी दलों के गठबंधन ने लोकसभा चुनाव से पहले फुल प्रूफ इंतजाम के साथ चुनावी प्रचार की तैयारी की हैं। सूत्रों के मुताबिक, यह भी तय हुआ है कि मुंबई बैठक के कुछ दिनों के बाद ही देश के अलग-अलग राज्यों में विपक्षी नेताओं की बड़ी रैलियां शुरू कर दी जाएगी। एक अनुमान के मुताबिक, सितंबर के दूसरे सप्ताह से इन रैलियों और जनसभाओं का आगाज दक्षिण भारत से लेकर चुनावी राज्यों में किए जाने का है। योजना है कि जिस राज्य में यह रैलियां और जनसभाएं होंगी वहां के विपक्षी दल जो इस गठबंधन में शामिल है वह तो रहेंगे ही, साथ ही दूसरे राज्यों के प्रमुख दलों के नेता भी इन रैलियों में शिरकत करेंगे। विपक्षी दलों में शामिल एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि ऐसा करके एक बड़ा संदेश इन राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार के खिलाफ दिया जा सकेगा।
मुंबई में होने वाली विपक्षी दलों के गठबंधन की बैठक से पहले दो और अहम बैठके हो चुकी हैं। जिसमें पहली पटना और दूसरी बेंगलुरु में बैठक हुई थी। मुंबई में होने वाली बैठक को विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA की सबसे महत्वपूर्ण बैठक मानी जा रही है। जानकारी के मुताबिक, इस बैठक में अलग-अलग राज्यों में गठबंधन के मुताबिक चुनाव लड़ने का पूरा खाका तैयार किया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि अभी तक की तक योजना के मुताबिक अब तक साढ़े चार सौ से ज्याद सीटों पर विपक्षी दलों का सिर्फ एक प्रत्याशी ही चुनावी मैदान में उतारने की योजना बन रही है। हालांकि प्रत्याशियों के मैदान में उतारने का अभी कोई भी ना तो फैसला लिया गया है ना ही अलग-अलग पार्टियों की ओर से तय किए गए किसी प्लान को सहमति मिली है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि मुंबई में होने वाली इस बैठक में यह तय हो सकता है कि किस पार्टी को उसके राज्य में कितनी सीटें मिल सकती हैं।