Premchand Aggarwal: लोकप्रियता से विधायक बने, उत्तेजित व्यवहार ने इस्तीफा दिलवाया

Premchand Aggarwal: लोकप्रियता ने बनाया लगातार चार बार विधायक तो उत्तेजित व्यवहार बना घातक, देना पड़ा इस्तीफा
हिंदी टीवी न्यूज़, ऋषिकेश Published by: Megha Jain Updated Mon, 17 Mar 2025
बजट सत्र के दौरान सदन में क्षेत्रवाद पर दिए बयान से विवादों में घिरे कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने इस्तीफा दे दिया है। अपने सरकारी आवास में इस्तीफे की घोषणा करने के बाद उन्होंने सीएम आवास पहुंचकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को त्यागपत्र सौंपा। मुख्यमंत्री ने अग्रवाल का त्यागपत्र अग्रिम कार्यवाही के लिए राज्यपाल को भेज दिया है।
लोकप्रियता ने जहां प्रेमचंद अग्रवाल को लगातार चार बार विधायक बनाया। वहीं उनका उग्र और उत्तेजित होता स्वभाव उनके लिए नुकसानदायक साबित हुआ। उत्तेजित स्वभाव के चलते वह कई बार विवादों में घिरे और आखिरकार उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।
प्रेमचंद अग्रवाल के राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1980 से हुई। जब वह देश के सबसे बड़े छात्र संगठन अभाविप के डोईवाला इकाई के अध्यक्ष बने। वर्ष 1984 में वह डीएवी पीजी काॅलेज के अभाविप इकाई के महासचिव बने। इसके बाद वह भाजयुमो व भाजपा में भी कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे।
वर्ष 1996 व 2000 में भाजपा देहरादून जिला अध्यक्ष के पद पर भी रहे। वर्ष 2003 में व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष बने। छात्र राजनीति से लेकर क्षेत्र की राजनीति के सफर में उन्होंने काफी लोकप्रियता हासिल की।
व्यवहार में उत्तेजना उन्हें विवादों में डालती रही
इसी का नतीजा रहा है वर्ष 2007 से वह चार बार लगातार ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए और हर बार उनकी जीत का अंतर बढ़ता गया। लगातार सफलता उनके व्यवहार में भी परिवर्तन लाती गई और धीरे-धीरे उनका व्यवहार भी उग्र होता गया।