Punjab News: शंभू बार्डर पर शांति कायम, किसान रस्सी बांध कर दे रहे पहरा; रास्ता बंद होने से आम जनता को हो रही भारी परेशानी
शंभू बॉर्डर से पहले बांधी गई रस्सी के आगे कई बुजुर्ग व युवा पहरा देते रहे और लाउड स्पीकर की मदद से सभी को आगे न जाने की लगातार अपील करते रहे ताकि माहौल खराब न हो सके। शंभू बार्डर पर मौजूद अन्य जत्थेबंदियों से रविवार चंडीगढ़ मीटिंग के बारे पूछा तो उन्होंने बताया कि हम कल की मीटिंग से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं हैं।पटियाला)। एमएसपी पर कानून बनाने की मांग को लेकर किसानों का आंदोलन आठवें दिन में प्रवेश कर गया है। बीते दो दिनों से शंभू बार्डर पर शांति कायम है। अब तक किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच चार बार वार्ता हो चुकी है, लेकिन इसका कोई भी नतीजा नहीं निकल सका है। रास्ता बंद होने की वजह से आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
किसान रस्सी बांध कर दे रहे पहरा
वहीं सोमवार को भी बॉर्डर से पहले बांधी गई रस्सी के आगे कई बुजुर्ग व युवा पहरा देते रहे और लाउड स्पीकर की मदद से सभी को आगे न जाने की लगातार अपील करते रहे ताकि माहौल खराब न हो सके।
शंभू बार्डर पर मौजूद अन्य जत्थेबंदियों से रविवार चंडीगढ़ मीटिंग के बारे पूछा तो उन्होंने बताया कि हम कल की मीटिंग से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं हैं। सरकार ने पांच फसलों की बात की है, जबकि हमारी 23 फसलों सहित अन्य मांगें भी हैं जो सरकार नहीं मान रही। सरकार समय आगे बढ़ा कर आचार संहिता लगाने का इंतजार कर रही है अगर कोई भी फैसला नहीं होता तो हम दिल्ली कूच करेंगे ही करेंगे।
क्या कहते हैं किसान नेता
भारतीय किसान यूनियन एकता प्रदेश उपाध्यक्ष गुरध्यान सिंह सिऊणा ने बताया कि हमें आदेश मिला है कि रस्सी के उसपार हरियाणा की तरफ नहीं जाना है और वह पंजाब के शंभू बार्डर पर रुककर शांति प्रिय अंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने हरियाणा व केंद्र सरकार की तरफ से लगाए गए अर्धसैनिक बलों के विरोध में बताया कि हमें दुशमन समझ कर गोले बरसाए जाते रहे हैं जो सरासर गलत है।
हमारे नेता युवाओं को भी समझा रहे हैं कि जब तक वार्ता मुक्कमल न हो जाए आगे नहीं, जाना उसके बावजूद भी नौजवानों को उकसाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि रविवार जो केंद्र सरकार के मंत्रियों के साथ चंडीगढ़ में मीटिंग हुई है उससे हम बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं हैं। सरकार ने चार फसलों की बात की है जबकि हमारी मांग केवल एमएसपी तक नहीं है और भी कई मांगे हैं जो सरकार नहीं मान रही।
सरकार समय आगे बढ़ा कर कोड ऑफ कन्डक्ट लगाने का इंतजार कर रही है लेकिन नौजवानों के जोश को काबू में नहीं रखा जा सकता अगर कोई भी फैसला नहीं होता तो हम दिल्ली कूच करेंगे ही करेंगे। किसान नेता गुरध्यान सिंह ने बताया कि मंगलवार को शाम पांच बजे खन्नौरी बार्डर पर किसान नेता आगे की कार्रवाई करने के साथ प्रैस को ब्यान जारी करेंगे। इस अवसर पर काफी संख्या में किसान मौजूद रहे।
खनौरी बार्डर पर माहौल शांत, कटीली तारें बिछाईं
खनौरी बार्डर पर सोमवार को भी बेशक माहौल पूरी तरह से शांति बरकरार रही, लेकिन नौजवानों का जोश लगातार भड़क रहा है। किसान संगठनों के नेता नौजवानों को शांति बनाए रखने की अपील करते हए खनौरी बार्डर से पचास मीटर पीछे डटे हुए हैं।
किसान संगठनों द्वारा 21 फरवरी को दिल्ली कूच की चेतावनी दिए जाने के बाद हरियाणा फोर्स द्वारा बार्डर के साथ लगते खेतों की खतानों में भी कटीली तारें बिछा दी हैं, ताकि यहां से कोई भी व्यक्ति बार्डर की तरफ न बढ़ सके। खनौरी बार्डर व किसानों की तरफ सफेद झंडे लहरा रहे हैं। खनौरी बार्डर से करीब तीस मीटर की दूरी पर तार लगाकर रोक लगाई गई है, ताकि कोई भी व्यक्ति आगे न बढ़ें।