Shimla: किसानों और बागवानों की आंखें नम कर रहा सूखा
Shimla News: किसानों और बागवानों की आंखें नम कर रहा सूखा, अब वर्षा-हिमपात नहीं हुआ तो और खराब होंगे हालात
हिमाचल प्रदेश में दिसंबर में सामान्य से 78 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। प्रदेश के 11 जिले ऐसे हैं जहां पर 66 से 99 प्रतिशत तक कम वर्षा हुई है। ऐसे में कृषि और बागवानी पर इसका सीधा असर हुआ है। करीब दो सप्ताह पूर्व फलदार पौधे खरीदने के बावजूद वर्षा ने होने के कारण उनका रोपण नहीं हो सका है।
HIGHLIGHTS
- प्रदेश के 11 जिले ऐसे हैं, जहां पर 66 से 99 प्रतिशत तक कम वर्षा हुई है।
- दिसंबर में अब तक सबसे अधिक वर्षा चंबा में 11.6 मिलीमीटर हुई है, जो सामान्य से 66 प्रतिशत कम है।
शिमला। हिमाचल में दिसंबर में सामान्य से 78 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। प्रदेश के 11 जिले ऐसे हैं, जहां पर 66 से 99 प्रतिशत तक कम वर्षा हुई है। ऐसे में कृषि और बागवानी पर इसका सीधा असर हुआ है। करीब दो सप्ताह पूर्व फलदार पौधे खरीदने के बावजूद वर्षा ने होने के कारण उनका रोपण नहीं हो सका है। ऐसे करीब आठ लाख पौधे हैं, जिनका रोपण नहीं किया गया है।
40 सरकारी और 520 निजी नर्सरियों से पौधों की खरीद की गई
सोलन स्थि औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के अलावा 40 सरकारी और 520 निजी नर्सरियों से पौधों की खरीद की गई है। वर्षा न होने का असर रबी फसलों गेहूं, मटर और सब्जियों पर हुआ है।
हालांकि, विशेषज्ञों के अनुसार कृषि-बागवानी पर अभी बहुत अधिक विपरीत असर नहीं हुआ है, लेकिन जनवरी के प्रथम सप्ताह तक वर्षा और पर्याप्त हिमपात नहीं हुआ तो नुकसान होगा। दिसंबर में अब तक सबसे अधिक वर्षा चंबा में 11.6 मिलीमीटर हुई है, जो सामान्य से 66 प्रतिशत कम है। स्थिति यही रही तो इसका असर उत्पादन पर होगा।
कटिंग-प्रूनिंग का कार्य तेजी पर, तौलियों का काम रुका
नए फलदार पौधे लगाने का काम रुकने के साथ पौधों के तौलिये बनाने का कार्य पूरी तरह से रुका हुआ है। वर्षा न होने के कारण बगीचे सूख गए हैं और खोदाई नहीं हो रही है, जबकि कटिंग-प्रूनिंग के कार्य में तेजी आई है।