Shimla: निगम ने प्रॉपर्टी टैक्स उगाही की प्रक्रिया की शुरू, 20 दिनों में करें tax जमा नहीं तो होगी ये सख्त कार्रवाई
Shimla News नगर निगम ने प्रॉपर्टी टैक्स की उगाही का काम शुरू कर दिया। इसके लिए शहर के करीब 52 मालिकों को नोटिस भी जारी करने की तैयारी की जा रही है। सबको कहा गया है कि अगर वो 15 से 20 दिन में अपना टैक्स जमा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। नगर निगम को 21 करोड़ रुपए की आय हो सकती है।
HIGHLIGHTS
- 52 भवन मालिकों को नोटिस, 20 दिन में टैक्स जमा करने का आदेश।
- 20 दिनों में टैक्स जमा नहीं किया तो कार्रवाई भी करेगा नगर निगम।
- 30 हजार भवन मालिकों से टैक्स वसूलता है निगम। शिमला। नगर निगम शिमला ने प्रॉपर्टी टैक्स की रिकवरी बढ़ाने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। शहर के 52 मालिकों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं, यदि 15 से 20 दिन में अपना टैक्स जमा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कार्रवाई के में उनके घरों को दिए गए बिजली और पानी के कनेक्शन काटने तक का प्रावधान किया जा सकता है।नगर निगम शिमला ने वर्तमान वित्त वर्ष में साढे़ 17 करोड़ रुपए के टैक्स की रिकवरी का टारगेट रखा था, इसमें से 15 करोड़ के टैक्स की वसूली करेगी कर दी गई है। ढाई करोड़ की टैक्स की वसूली अभी की जानी है। इस वित्त वर्ष में अब मार्च महीना नगर निगम के पास बचा है।
ऐसे में नगर निगम अपनी इस रिकवरी को बढ़ाने के लिए भवन मालिकों को टैक्स जमा करने के लिए नोटिस जारी कर रहा है। अभी तक 3, 000 से ज्यादा लोगों को ऐसे नोटिस इस साल में जारी किए जा चुके हैं। हालांकि बिजली पानी काटने की नोटिस जिन भवन मालिकों को जारी किए हैं, इनकी संख्या 50 से 60 के बीच में ही है।
30 हजार भवन मालिकों से टैक्स वसूलता है निगम
नगर निगम शिमला शहर के करीब 30 हजार भवन मालिकों से प्रापर्टी टैक्स वसूल करता है। प्रॉपर्टी टैक्स नगर निगम की आय मुख्य स्त्रोत है। ऐसे में वित्तीय वर्ष समाप्त होने से पहले नगर निगम सभी भवन मालिकों से टैक्स वसूल करने के लिए प्रयास कर रहा है। ऐसे में प्रापर्टी टैक्स जमा नहीं करने वालों को नोटिस भेजे जा रहे हैं। साथ ही कई लोेग ऐसे भी हैं, जिनके बिजली पानी काटने के आदेश नगर निगम ने जारी किए हैं।
21 करोड़ तक की हो सकती है आय
नगर निगम शहर के सभी भवन मालिकों से अगर प्रॉपर्टी टैक्स की वसूली कर लेता है, तो नगर निगम को प्रॉपर्टी टैक्स से 21 करोड़ रुपए तक की आय हो सकती हैं, लेकिन नगर निगम की ओर से सालाना 15 से 17 करोड़ रुपए की आय ही एकत्र कर पाता है। नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि निगम का प्रयास सभी भवन मालिकों से प्रॉपर्टी टैक्स एकत्र करना है। यही कारण कि प्रापर्टी टैक्स जमा नहीं करने वालों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं, ताकि निगम की आय में इजाफा किया जा सके।