Shimla: 12 साल बाद थाने की फाइल संदूक में मिली

Shimla: थाने में पड़ी फाइल को 12 साल तक ढूंढती रही पुलिस, संदूक में मिली
हिंदी टीवी न्यूज़, शिमला Published by: Megha Jain Updated Tue, 11 Feb 2025
12 साल पहले गुम हुई केस की फाइल थाने के ही एक ट्रंक में मिली।
हिमाचल प्रदेश आबकारी अधिनियम की धारा 39 (1) (ए) के तहत दर्ज मामले में 12 साल पहले गुम हुई केस की फाइल थाने के ही एक ट्रंक में मिली। हैरत इस बात की है कि शिमला पुलिस, जांच अधिकारी के खिलाफ फाइल गुम करने के मामले में विभागीय जांच में जुटी रही। बाद में फाइल थाने के ही एक ट्रंक में मिल गई। अब सत्र न्यायालय ने एक्साइज एक्ट के इस मामले में आरोप पत्र दाखिल करने में देरी होने के लिए शिमला पुलिस की ओर से मांगी माफी को स्वीकार किया है। यह मामला 31 मार्च 2010 को बालूगंज थाना क्षेत्र का है। पुलिस ने एक्साइज एक्ट के तहत आरोपी जानकी राम से शराब पकड़ने पर एफआईआर दर्ज की थी। मामले में जांच तत्कालीन प्रभारी (एएसआई) पुलिस चौकी धामी द्वारा की थी लेकिन जांच पूरी होने के बाद फाइल गुम होने पर आरोप पत्र अदालत के समक्ष पेश नहीं किया गया।
मामले को लेकर तत्कालीन पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर समिति गठित की गई। साथ ही संबंधित जांच अधिकारी के खिलाफ फाइल गुम करने पर विभागीय जांच में शुरू की। इसके बाद 15 जून 2023 को थाना बालूगंज के प्रथम तल पर रखे दो ट्रंक पाए गए। इसमें कई मामलों की केस फाइलें और अभिलेख मिले, इसी में गुम हुई फाइल भी मिल गई। इसके बाद अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया। अदालत में दलील दी कि संबंधित आईओ ने केस की फाइलें किसी ट्रंक में रख दी थीं जो 12 साल से अधिक समय के बाद पुलिस स्टेशन की पहली मंजिल से बरामद हुई हैं। इसके बाद आरोप-पत्रों के निस्तारण के लिए तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने आवश्यक निर्देश पारित किए और आवेदक द्वारा एक्साइज मामले में आरोप-पत्र दायर किया गया। अब अदालत ने टिप्पणी में कहा है कि यह नहीं कहा जा सकता है कि आवेदक राज्य या वैधानिक प्राधिकारी है, इसलिए देरी को स्वचालित रूप से माफ कर दिया जाना चाहिए। भले ही आरोप-पत्र दाखिल करने में कोई संतोषजनक कारण प्रस्तुत न किया हो।