Shimla Public Toilet Charges: शौचालय शुल्क पर राजधानी में गरमाई सियासत
Shimla Public Toilet Charges: शौचालय शुल्क पर राजधानी में गरमाई सियासत, भाजपा और माकपा नेताओं ने उठाए सवाल
हिंदी टीवी न्यूज़, शिमला। Published by: Megha Jain Updated Tue, 31 Dec 2024
Shimla Public Toilet Charges: शिमला शहर के 30 बड़े सार्वजनिक शौचालयों में शुल्क वसूली शुरू करने के नगर निगम सदन के फैसले पर माकपा ने कांग्रेस शासित नगर निगम को आड़े हाथों लिया। वहीं भाजपा ने भी इस फैसले पर सवाल उठा दिए हैं।
शहर के 30 बड़े सार्वजनिक शौचालयों में शुल्क वसूली शुरू करने के नगर निगम सदन के फैसले के चंद घंटे बाद ही सोमवार को राजधानी की सियासत गरमा गई। सुबह 11:30 बजे सदन में यह फैसला लिया गया। दोपहर बाद शहर में इस पर चर्चा गरमा गई। माकपा ने इस फैसले पर कांग्रेस शासित नगर निगम को आड़े हाथों लिया। वहीं भाजपा ने भी इस फैसले पर सवाल उठा दिए हैं। भाजपा नेताओं ने कहा कि पहले प्रदेश सरकार भी टॉयलेट टैक्स लगाकर जनता पर बोझ डालने जा रही थी। इसे विरोध के बाद रोका गया तो अब नगर निगम ने यह फैसला ले लिया।
उधर शहर के कारोबारी संगठन भी इस पर विरोध में उतरने लगे हैं। कारोबारियों का कहना है कि उनसे इस फैसले को लेकर कोई चर्चा नहीं की गई। शिमला व्यापार मंडल के उपाध्यक्ष अजय सरना ने कहा कि कुछ महीने पहले निगम प्रशासन ने इस बारे में व्यापार मंडल के साथ बैठक बुलाई थी। इसमें सिर्फ रिज और मालरोड के एक दो शौचालय में यह व्यवस्था लागू करने की बात हुई थी। लेकिन अब निगम कह रहा है कि बाजारों के शौचालयों में भी इसे लागू करेंगे। कहा कि यह गलत है। व्यापार मंडल ने भी इस पर कोई सहमति नहीं दी है। इस पर व्यापार मंडल का विरोध रहेगा। निगम को यह फैसला वापस लेना होगा।
शुल्क वसूला तो शहर में होगा आंदोलन : संजय
नगर निगम शहर की जनता से टैक्स लेता है। हर बिल पर सीवरेज सैस वसूलता है। लेकिन इसके बावजूद महिला और पुरुष दोनों से शौचालय शुल्क वसूलने जा रहा है। यह गलत फैसला है। इसे लागू किया तो शहरभर में आंदोलन होगा। जब हम सत्ता में थे तो महिलाओं को भी निशुल्क सुविधा दे रखी थी। लेकिन वर्तमान नगर निगम केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों को लागू कर रही है- संजय चौहान, माकपा नेता एवं पूर्व महापौर नगर निगम शिमला
सरकार को रोका तो अब निगम वसूलेगा टॉयलेट टैक्स: संजय
शहर में सार्वजनिक शौचालयों के इस्तेमाल पर शुल्क वसूली का नगर निगम का यह फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। महापौर कह रहे हैं कि इस बारे में कारोबारियों से बात की है। महापौर बताए वे कौन कारोबारी हैं जिन्होंने इसके लिए हामी भरी है। पहले प्रदेश सरकार ने टायलेट टैक्स लगाया। इसे जब हमने विरोध कर रोका तो अब नगर निगम इसकी वसूली करने जा रहा है। यह बेहद शर्मनाक है – संजय सूद, भाजपा नेता
सदन में सिर्फ एक पार्षद ने की आपत्ति
नगर निगम सदन में इस प्रस्ताव पर सिर्फ एक पार्षद नरेंद्र ठाकुर ने आपत्ति जताई। कहा कि यदि शौचालयों में शुल्क लिया तो मजदूर और गरीब लोग परेशान होंगे। यह शौचालय का इस्तेमाल छोड़ सकते हैं। इससे गंदगी भी बढ़ेगी। हालांकि, सदन में बाकी पार्षदों की सहमति के बाद इसे पारित कर दिया गया।