Shimla Rains: शिमला में 200 से ज्यादा पेड़ गिरे, कई गाड़ियां दबीं, भवनों को खतरा, तस्वीरों में देखें तबाही

हिमाचल प्रदेश की राजधानी में तीन दिन से जारी मूसलाधार बारिश से सोमवार व मंगलवार को अब तक 200 से ज्यादा पेड़ ढह चुके हैं। वन विभाग के अनुसार बीते दो दिन के भीतर ही शहर में 250 से ज्यादा पेड़ ढह चुके हैं। मंगलवार को भी शहर के अलग-अलग भागों में पेड़ ढहे हैं। बालूंगज, भट्ठाकुफर, सांगटी के अलावा अन्य क्षेत्रों में पेड़ ढहे हैं। समरहिल, रुल्दूभट्ठा, नाभा, मज्याठ, बैनमोर, जाखू में सबसे ज्यादा पेड़ ढहे हैं। पेड़ ढहने और भूस्खलन के कारण शहर में 25 से ज्यादा गाड़ियां दब गई हैं। भूस्खलन से कई वार्डों में रिहायशी भवनों पर खतरा मंडरा गया है।
रुल्दूभट्ठा के 12 घर की लाइन के पास भूस्खलन होने से यहां बनी पार्किंग पर पेड़ ढह गए। इससे दो गाड़ियां चकनाचूर हो गई जबकि तीन बाइक भी दब गई। पार्षद सरोज ठाकुर के अनुसार पेड़ ढहने से बिजली गुल हो गई है। कैथू में भी भूस्खलन होने से एक मकान को खतरा पैदा हो गया है। पार्षद कांता सुयाल के अनुसार मौके पर तिरपाल भी लगा दिया गया है। विकासनगर में भी भूस्खलन से बहुमंजिला भवन को नुकसान पहुंचा है। पार्षद रचना भारद्वाज के अनुसार मलबा भवन परिसर में घुस गया है। तिब्बती कालोनी पंथाघाटी में भूस्खलन से शक्ति विहार सड़क बंद हो गई है।
आरसीसी कंप्यूटर सेंटर जाखू के पास भी भूस्खलन से पेड़ ढहने का खतरा पैदा हो गया है। पार्षद अतुल गौतम के अनुसार टिटला होटल के पास भी तीन पेड़ ढहे हैं। बैनमोर में पेड़ ढहने और भूस्खलन से सड़क बंद हो गई है। पूर्व पार्षद किमी सूद के अनुसार यहां सीवरेज लाइन टूट गई है। रुल्दूभट्ठा के कोर्ट हिल्स में भूस्खलन से भवन को खतरा हो गया है। पार्षद रचना शर्मा के अनुसार जलभवन के पास कसुम्पटी पंथाघाटी सड़क भूस्खलन से बंद हो गई है। हालांकि, इसे दोपहर बाद बहाल कर दिया गया है।