SYL नहर विवाद पर, पंजाब कैबिनेट की आपात बैठक
SYL नहर विवाद पर SC के हस्तक्षेप के बाद पंजाब कैबिनेट की आपात बैठक, विशेष सत्र बुलाने पर किया गया मंथन
Punjab Cabinet Emergency Meeting मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपने आवास पर मंत्रिमंडल की आपात बैठक बुलाई। इस आपात बैठक में SYL के मुद्दे पर चर्चा की गई। इस मामले पर विशेष सत्र बुलाने पर मंथन किया गया। राज्य सरकार इस मामले को लेकर विशेष सत्र बुला सकती है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि पंजाब के पास किसी भी राज्य को देने के लिए एक भी बूंद पानी नहीं है।
संवाददाता। Punjab Cabinet Emergency Meeting: सतलुज यमुना लिंक नहर विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पैदा हुई स्थिति पर आज गुरुवार को पंजाब कैबिनेट की बैठक में विचार किया गया और इस मामले पर विशेष सत्र बुलाने पर मंथन किया गया। राज्य सरकार इस मामले को लेकर विशेष सत्र बुला सकती है। वहीं, मुख्यमंत्री भगवंत मान ने स्पष्ट किया है कि पंजाब के पास किसी भी राज्य को देने के लिए एक भी बूंद पानी नहीं है।
SYL नहर मुद्दे पर हुई चर्चा
SYL नहर मुद्दे के मामले में हस्तक्षेप करने के बाद सीएम मान द्वारा कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई गई ।दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दखल देते हुए केंद्र को निर्देश जारी किए हैं ।
सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से कहा कि वह पंजाब में सतलज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर के निर्माण के लिए जमीन का सर्वेक्षण कराए ताकि पता चल सके कि कितना काम हुआ है और शीर्ष अदालत ने पंजाब सरकार से सर्वेक्षण में केंद्र सरकार का सहयोग करने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि इस विवाद को सुलझाने की दिशा में काम करना चाहिए। शीर्ष अदालत ने कहा कि एसवाईएल नहर विवाद मामले में कोई सख्त आदेश जारी करने पर मजबूर न करें।
हरियाणा वासियों को जगी नहर के पानी की आस
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद पंजाब के सभी राजनीतिक दलों ने बुधवार को कहा कि राज्य के पास किसी अन्य राज्य के साथ बांटने के लिए अतिरिक्त पानी की एक बूंद भी नहीं है। हालांकि, हरियाणा में राजनीतिक दलों ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का स्वागत करते हुए कहा है कि राज्य के लोग वर्षों से एसवाईएल का पानी पाने का इंतजार कर रहे हैं। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र से नहर के निर्माण को लेकर पंजाब और हरियाणा के बीच बढ़ते विवाद को सुलझाने के लिए मध्यस्थता प्रक्रिया को सक्रिय रूप से आगे बढ़ाने को भी कहा।
क्या है एसवाईएल नहर के निर्माण का मुद्दा?
एसवाईएल नहर का निर्माण रावी और ब्यास नदियों से पानी के प्रभावी आवंटन के लिए की गई थी। इस परियोजना में 214 किलोमीटर लंबी नहर के निर्माण का सुझाव रखा गया था। नहर 122 किलोमीटर पंजाब में और 92 किलोमीटर हरियाणा में बनाई जानी थी। हरियाणा ने अपने क्षेत्र में परियोजना पूरी कर ली है, लेकिन पंजाब ने 1982 में निर्माण कार्य शुरू करने के बाद में इसे रोक दिया।