Uttarakhand: चिंताजनक…जलस्रोत पर गंभीर संकट
Uttarakhand: चिंताजनक…जलस्रोत पर गंभीर संकट, प्रदेश में 206 सदानीरा नदियां और गदेरे सूखने के कगार पर पहुंचे
हिंदी टीवी न्यूज, रुड़की Published by: Megha Jain Updated Mon, 25 Nov 2024
उत्तराखंड में 206 सदानीरा नदियां और गदेरे सूखने के कगार पर पहुंच गए हैं। 5428 जलस्रोतों पर भी गहरा संकट मंडरा रहा है। प्रकृति से छेड़छाड़ और जलवायु परिवर्तन इसके पीछे की वजह है।
बदलते मौसम चक्र, जलवायु परिवर्तन और मानवीय दखल से प्रदेश की 206 सदानीरा नदियां और गदेेरे सूखने के कगार पर हैं। प्रदेश के 5428 जलस्रोतों पर संकट मंडरा रहा है। स्प्रिंग एंड रिजुविनेशन अथॉरिटी (सारा) की टीम ने यह फैक्ट साझा किया है।
विश्व में सबसे ज्यादा हिमालय में बढ़ा पारा
– पूरे विश्व में पिछले 150 सालों में जलवायु परिवर्तन के कारण जितना तापमान बढ़ा है, उससे ज्यादा तापमान तिब्बत, हिमालय में बढ़ा है।
– जलवायु परिवर्तन के कारण पहाड़ दरक रहे हैं और बाढ़ में उफनाती नदियां कहीं रुख मोड़ रही हैं तो कहीं तबाही ला रही हैं।
– हल्द्वानी में गौला, रामनगर और अल्मोड़ा में कोसी नदी का जलस्तर गिरने से पेयजल और सिंचाई का संकट खड़ा हो जाता है।
-भीमताल में तो झील मैदान की तरह नजर आने लगी थी। इसी तरह अन्य नदियों और जलस्रोतों पर भी संकट गहरा रहा है।
– पूरे विश्व में पिछले 150 सालों में जलवायु परिवर्तन के कारण जितना तापमान बढ़ा है, उससे ज्यादा तापमान तिब्बत, हिमालय में बढ़ा है।
– जलवायु परिवर्तन के कारण पहाड़ दरक रहे हैं और बाढ़ में उफनाती नदियां कहीं रुख मोड़ रही हैं तो कहीं तबाही ला रही हैं।
– हल्द्वानी में गौला, रामनगर और अल्मोड़ा में कोसी नदी का जलस्तर गिरने से पेयजल और सिंचाई का संकट खड़ा हो जाता है।
-भीमताल में तो झील मैदान की तरह नजर आने लगी थी। इसी तरह अन्य नदियों और जलस्रोतों पर भी संकट गहरा रहा है।
ये हैं पांच नदियां : सौंग नदी (देहरादून), पश्चिम नयार (पाैड़ी), पूर्वी
नयार (पाैड़ी), शिप्रा (नैनीताल) और गौड़ी (चंपावत)।
नयार (पाैड़ी), शिप्रा (नैनीताल) और गौड़ी (चंपावत)।