Uttrakhand: ऋषिकेश के इस मंदिर में मौजूद है 6500kg का घंटा
ऋषिकेश के इस मंदिर में मौजूद है 6500kg का घंटा, खास मौकों पर सुनाई देती है इसकी गूंज, जानें वजह
ऋषिकेश: उत्तराखंड के ऋषिकेश में स्थित योग नगरी ऋषिकेश एक पावन तीर्थ स्थल है. यहां स्थापित प्राचीन मंदिर व घाट मुख्य आकर्षण का केंद्र हैं. वैसे तो ऋषिकेश में कई सारे प्राचीन मंदिर स्थित हैं और हर मंदिर का अपना रोचक इतिहास और महत्व है. वहीं हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां 6500 किलो का घंटा स्थापित है. इसकी गूंज केवल शुभ अवसरों पर सुनाई देती है.
Local 18 के साथ बातचीत में तारा माता मंदिर के महंत संध्या गिरी ने बताया कि तारा माता मंदिर ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट रोड पर स्थित है. इस मंदिर में एक विशाल घंटा स्थापित है, जिसकी गूंज केवल शुभ अवसरों पर सुनाई देती है. इस घंटे की स्थापना श्री बद्रीश श्री हिमालय पीठाधीश्वर उत्तराखंड राजगुरु ब्रह्मलीन श्री श्री 1008 श्री महंत श्री गोदावरी गिरि जी महाराज की ओर से करवाई गई थी. ये मात्र एक घंटा नहीं है, इसकी मान्यता बद्रीनाथ भगवान के क्षेत्रपाल घंटाकर्ण के समान माने जाते हैं और पूजे जाते हैं. जिनकी गूंज केवल पूजा पाठ के समय ही सुनाई देती है और किसी को भी इसे छूने की अनुमति नहीं है. यह बद्रीनाथ भगवान के क्षेत्रपाल देवता हैं, जिनकी रोजाना पूजा की जाती है.
अष्टधातु से बना है 6500 किलो का घंटा
महंत संध्या बताते हैं कि इस विशाल घंटे का वजन लगभग 65 क्विंटल यानी 6500 किलोग्राम है. इसका निर्माण अष्टधातु से किया गया है. साथ ही इसे केवल विशेष पर्वों जैसे की दीपावली, दशहरा, गुरु पूर्णिमा, नवरात्रि, गुरू महाराज की बरसी आदि पर इसकी विशेष रूप से पूजा की जाती है. उसके अलावा यह प्रतिदिन केवल आरती के समय ही बजाया जाता है. अगर आप ऋषिकेश घूमने आए हैं या फिर आने की सोच रहे हैं, तो इस मंदिर और इस विशाल घंटे के दर्शन जरूर करें.